डेस्क:आगामी एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत होने वाली है। इस नए वित्त वर्ष में मिडिल क्लास के लोगों को कई बड़े तोहफे मिलेंगे। ये हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आम बजट में किए गए ऐलान को नए वित्त वर्ष में लागू किया जाएगा। बता दें कि पिछले एक फरवरी को आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास के हित में कई फैसले लिए।
टैक्सपेयर्स को खुशखबरी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय (यानी पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर आय को छोड़कर एक लाख रुपये की औसत आय) पर कोई आयकर देय नहीं होगा। इसके साथ ही 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन के कारण वेतनभोगी आयकरदाताओं के लिए सीमा 12.75 लाख रुपये की होगी। स्लैब दरों में कटौती के कारण मिलने वाले लाभों के अलावा टैक्स में छूट इस ढंग से प्रदान की जा रही है कि उनके द्वारा टैक्स का कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। यह मध्यम वर्ग के लिए व्यापक रूप से टैक्स के बोझ को कम करेगी और उनके हाथों में ज्यादा पैसे उपलब्ध कराएगी, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इसी तरह, टीडीएस/टीसीएस की दरों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव करते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा 50,000 रुपये से दोगुनी बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। इसी तरह, किराए पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये प्रस्तावित है। इसके अलावा आयकर रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख तक टीडीएस के भुगतान में विलंब को गैर-आपराधिक कर दिया गया था। अब टीसीएस प्रावधानों के लिए भी इसी छूट का प्रावधान करने का प्रस्ताव किया गया है।
इसके अलावा अब किसी भी कर-निर्धारण वर्ष के लिए अपडेटेशन विवरणी दाखिल करने की समय-सीमा को मौजूदा दो वर्ष से बढ़ाकर चार वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया है। टैक्सपेयर्स को स्वामित्व वाली संपत्तियों के लिए बिना किसी शर्त के ऐसी दो संपत्तियों के वार्षिक मूल्य के लाभ की अनुमति प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है।