मुंबई। महाराष्ट्र में रिसॉर्ट पॉलिटिक्स की वापसी हो चुकी है। क्रॉस वोटिंग और हॉर्स ट्रेडिंग के डर से विधायकों को फाइव स्टार होटल में शिफ्ट कर दिया गया है। इस बार तस्वीर थोड़ी से बदली हुई है। शुक्रवार को विधान परिषद की 11 सीटों के लिए चुनाव होने हैं। 12 कैंडिडेट के मैदान में होने के कारण चुनाव की नौबत आ गई है। लोकसभा में अपने प्रदर्शन से सत्तारूढ़ दलों को चौंकाने वाले महा विकास अघाड़ी गठबंधन ने अपने तीन कैंडिडेट को मैदान में उतार दिया है।
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में वर्तमान में 274 विधायक हैं। अपने एक एमएलसी को जिताने के लिए किसी भी दल को प्रथम वरीयता वाले 23 वोटों की आवश्यक्ता होगी। एनडीए की तरफ से इस चुनाव में 9 कैंडिडेट उतारे गए हैं। विपक्षी खेमे के पास सिर्फ 67 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इसके बावजूद उसने तीन कैंडिडेट मैदान में उतारे हैं। ऐसे में हॉर्स ट्रेडिंग का खतरा बढ़ गया है।
महाराष्ट्र में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यही कारण है कि इसे सेमीफाइनल करार दिया गया है। लोकसभा चुनाव में अजित पवार की एनसीपी का प्रदर्शन काफी खराब रहा। इसके बाद से इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि उनके कुछ विधायक शरद पवार के पास वापस लौटना चाहते हैं। अगर इस बात में सच्चाई है तो वह एमएलसी चुनाव में क्रास वोटिंग करके अपनी निष्ठा साबित कर सकते हैं।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने करीबी सहयोगी मिलिंद नार्वेकर को मैदान में उतारकर एमएलसी चुनाव को काफी रोचक बना दिया। इसके कारण ही चुनाव की नौबत आ गई। उन्होंने हाल ही में कहा था कि अगर हमें जीत का भरोसा नहीं होता तो वह ऐसा नहीं करते।
भाजपा के पास 103 विधायक हैं। उसने पांच उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। बीजेपी की तरफ से पंकजा मुंडे, योगेश तिलेकर, परिणय फुके, अमित गोरखे और सदाभाऊ खोत को मैदान में उतारा गया है। भाजपा के पास जीतने के लिए आवश्यक संख्या से 12 विधायक कम हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के पास विधानसभा में 37 विधायक हैं। उन्होंने दो उम्मीदवार खड़े किए हैं। कृपाल तुमाने और भावना गवली। उनके पास नौ विधायक कम हैं।
अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी के गुट के पास 39 विधायक हैं। जूनियर पवार ने उम्मीदवार राजेश विटेकर और शिवाजीराव गर्जे को मैदान में उतारा है। उनके पास सात विधायकों के समर्थन की कमी है। हालांकि, सत्तारूढ़ गठबंधन को छोटी पार्टियों के नौ विधायकों और 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन पर भरोसा है।
विपक्षी खेमा का क्या है हाल
37 विधायकों और एक उम्मीदवार प्रद्यना सातव के साथ कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जिसके पास 14 अतिरिक्त वोट हैं। शरद पवार की एनसीपी अपने 13 विधायकों के साथ किसानों और मजदूर पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के जयंत पाटिल का समर्थन कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने नार्वेकर को उम्मीदवार बनाया है। उनके पास मात्र 15 विधायक हैं, जो कि आवश्यक संख्या से आठ कम है।
कांग्रेस के वोट पाटिल और नार्वेकर के लिए जरूरी वोटों की कमी को पूरा कर सकते हैं, लेकिन AIMIM के दो विधायक, सपा के दो विधायक, CPI(M) के एकमात्र विधायक और एक निर्दलीय विधायक तटस्थ माने जा रहे हैं। इनके वोट महत्वपूर्ण होंगे। कांग्रेस ने दावा किया है कि गठबंधन को इनमें से कम से कम कुछ विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
रिसॉर्ट पॉलिटिक्स
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने गुरुवार रात मुंबई के एक होटल में अपनी पार्टी के विधायकों के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया। कांग्रेस ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर उनसे महा विकास अघाड़ी के उम्मीदवारों को वोट देने के लिए कहा है।
उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात मध्य मुंबई के एक पांच सितारा होटल में अपने विधायकों के साथ रात्रिभोज का आयोजन किया। पार्टी के एक नेता ने बताया कि बैठक में शामिल हुए सभी 11 विधायक होटल में ही रुके। गुरुवार को बाकी बचे चार विधायक भी उनके साथ शामिल हो गए।
अजित पवार की एनसीपी ने अपने विधायकों को मुंबई में हवाई अड्डे के पास एक पांच सितारा होटल में भेज दिया है। शिवसेना के विधायक बुधवार सुबह विधान भवन परिसर में बैठक के लिए एकत्र हुए और फिर बांद्रा में एक पांच सितारा होटल में चले गए। भाजपा विधायक भी एक लग्जरी होटल में हैं, लेकिन एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।