डेस्क: शेयर बाजार में तेजी के बीच कंपनियां फंड जुटाने के लिए आईपीओ लाने की होड़ में हैं। बाजार नियामक सेबी के सामने एक ही दिन में कुल 13 कंपनियों ने आईपीओ की मंजूरी के लिए दस्तावेज़ प्रस्तुत किए हैं। यदि इन सभी कंपनियों के आवेदन को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) से मंजूरी मिलती है, तो ये कंपनियां कम से कम 8,000 करोड़ रुपये जुटाने में सफल हो सकती हैं।
इन कंपनियों में विक्रम सोलर, आदित्य इन्फोटेक और वरिंदरा कंस्ट्रक्शन जैसी विभिन्न सेक्टर्स की कंपनियां शामिल हैं। इनमें से कई कंपनियों ने नए निर्गम के साथ मौजूदा शेयरों की प्रवर्तकों द्वारा बिक्री पेशकश (ओएफएस) का भी प्रस्ताव रखा है।
भारतीय बाजार में कंपनियों का बढ़ा विश्वास
एक ही दिन में 13 कंपनियों का आईपीओ मंजूरी के लिए आवेदन करना भारतीय बाजार के प्रति कंपनियों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है। इस साल अब तक 62 कंपनियों ने अपने आईपीओ के माध्यम से कुल मिलाकर 64,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो कि 2023 में 57 आईपीओ के जरिए जुटाए गए 49,436 करोड़ रुपये से 29 प्रतिशत अधिक है।
भविष्य की उम्मीदें
वित्तीय सेवा फर्म इक्विरास के इक्विटी पूंजी बाजार के प्रमुख मुनीश अग्रवाल ने कहा कि अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था में किसी बड़ी घटना से झटका नहीं लगता है, तो घरेलू बाजार में तेजी का दौर 2025 में भी जारी रह सकता है। मर्चेंट बैंकरों के अनुसार, अगले दो महीनों में हुंडई मोटर इंडिया, स्विगी और एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी जैसी कंपनियां भी आईपीओ लाने की योजना बना रही हैं, जिनसे संयुक्त रूप से 60,000 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद है।
कंपनियों का आईपीओ विवरण
- विक्रम सोलर: 1,500 करोड़ रुपये के नए शेयरों के साथ 1.74 करोड़ शेयरों की ओएफएस।
- आदित्य इन्फोटेक: 1,300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना, जिसमें 500 करोड़ रुपये के नए शेयर और 800 करोड़ रुपये की ओएफएस शामिल है।
- वरिंदरा कंस्ट्रक्शन: 1,200 करोड़ रुपये का आईपीओ, जिसमें 900 करोड़ रुपये के नए शेयर और 300 करोड़ रुपये की ओएफएस शामिल है।
- विक्रान इंजीनियरिंग: 900 करोड़ रुपये के नए शेयरों के साथ 100 करोड़ रुपये की ओएफएस।
- राही इन्फ्राटेक: 420 करोड़ रुपये जुटाने की योजना।
- संभव स्टील ट्यूब्स: 440 करोड़ रुपये के नए शेयरों के साथ 100 करोड़ रुपये की ओएफएस।
- जारो इंस्टिट्यूट: 570 करोड़ रुपये का आईपीओ, जिसमें 170 करोड़ रुपये के नए शेयर और 400 करोड़ रुपये की ओएफएस शामिल है।
- ऑल टाइम प्लास्टिक्स: 350 करोड़ रुपये के नए शेयरों के साथ 52.5 लाख शेयरों की ओएफएस।
- स्कोडा ट्यूब्स: 275 करोड़ रुपये मूल्य के नए शेयर।
- देव एक्सेलरेटर: 2.47 करोड़ शेयरों का नया निर्गम।
इन सभी गतिविधियों से स्पष्ट है कि भारतीय बाजार में कंपनियों का विश्वास मजबूत हो रहा है, और वे आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।