महिलाएं एक साथ, एक वक्त में कई काम करने में माहिर होती हैं। घर और बाहर दोनों जगह की जिम्मेदारियों को निभाते हुए वो जिंदगी में संतुलन बनाए रखने की पूरी कोशिश करती हैं। लेकिन बढ़ती उम्र का सबसे ज्यादा असर व्यक्ति के मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है। जिसकी वजह से उसे कई रोग समय से पहले ही घेरने लगते हैं। बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों, जैसे हाई कोलेस्ट्रॉल, स्तन व सर्विकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इनसे बचने का सबसे कारगर उपाय है नियमित स्वास्थ्य परीक्षण (हेल्थ टेस्ट)। आइए जानते हैं 30 साल के बाद महिलाओं को कौन से 5 टेस्ट जरूर करवाने चाहिए।
कम्प्लीट ब्लड काउंट-कम्प्लीट ब्लड काउंट को अंग्रेजी में CBC कहते हैं। इस ब्लड टेस्ट के जरिए महिलाओं की पूरी सेहत के बारे में पता लगाया जा सकता है। सीबीसी से किसी भी तरह के इंफेक्शन, एनीमिया, डिसऑर्डर और कुछ मामलों कैंसर तक का भी पता लगाया जा सकता है। कम्प्लीट ब्लड काउंट में लाल रक्त कोशिकाओं (R.B.C), श्वेत रक्त कोशिकाओं (W.B.C), हीमोग्लोबिन, हेमटोक्रिट (Hct) और प्लेटलेट्स के बारे में पूरी जानकारी मिलती है।
लिपिड प्रोफाइल- लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में खून में विशिष्ट वसा अणुओं की मात्रा को मापा जाता है। इस टेस्ट में कई तरह के कोलेस्ट्रॉल के बारे में पता लगाया जा सकता है। ये टेस्ट दिल की बीमारियों और रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य की जांच करने में मदद करता है। लिपिड प्रोफाइल का पता लगाने से खाने की आदतों, डाइट, तनाव, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल को सही किया जा सकता है। आमतौर पर थायरॉयड या पॉलिसिस्टिक ओवेरी डिसीज खराब लिपिड प्रोफाइल से ही जुड़ा होता है।
थायराइड फंक्शन टेस्ट- भारत में लगभग 10 में से 1 महिला थाइरॉयड की समस्या से पीड़ित है। 30 के बाद महिलाओं को थाइरॉयड की जांच जरूर करवानी चाहिए।इसके आम लक्षण अनियमित पीरियड्स, वजन का अचानक बढ़ना, बाल झड़ना या इनफर्टिलिटी हैं।
ब्लड शुगर – 30 साल से अधिक उम्र होते ही कई महिलाएं डायबिटीज की चपेट में आ जाती हैं। डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन ठीक से नहीं बन पाता है। एनर्जी और ब्लड शुगर का उपयोग करने के लिए इंसुलिन बहुत जरूरी है।
पैप स्मीयर टेस्ट- महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पैप स्मीयर स्क्रीनिंग के जरिए सर्वाइकल कैंसर का पता शुरुआती स्टेज पर ही लगाया जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, 30 या इससे ज्यादा उम्र की महिलाओं को हर 5 साल में एक बार पैप स्मीयर टेस्ट जरूर कराना चाहिए।