डेस्क:भारत में कोका-कोला की प्रमुख बॉटलिंग कंपनियों में से एक मून बेवरेजेज आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के बारे में विचार कर रही है। कंपनी के वाइस चेयरमैन अनंत अग्रवाल ने कहा कि एमएमजी समूह को उम्मीद है कि कोका-कोला के प्रमुख फ्रेंचाइजी पार्टनर मून बेवरेजेज का राजस्व अगले तीन से चार वर्ष में दोगुना हो जाएगा, जिसमें नए प्लांट्स से होने वाली ग्रोथ, क्षमता के विस्तार और नए बाजारों के अधिग्रहण से मदद मिलेगी।
कंपनी का निवेश 4000 करोड़ रुपये के पार
मून बेवरेजेज ने अब तक 4,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है और गुवाहाटी, असम और ओडिशा के राउरकेला में अपने दो आगामी प्लांट के लिए और निवेश करने की योजना बना रही है। इससे इसकी क्षमता 7,000 बीपीएम (प्रति मिनट बोतल भरने) हो जाएगी।
आईपीओ पर क्या बोले
यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी आईपीओ लाने की योजना बना रही है, अग्रवाल ने कहा कि यह हमारी योजना में है। हालांकि, हम अभी इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते। उन्होंने कहा-हम मून बेवरेजेज की वृद्धि को लेकर बहुत आशावादी हैं। हालांकि अग्रवाल ने समयसीमा नहीं बताई, लेकिन कहा कि समूह इस विकल्प पर विचार कर रहा है और विभिन्न अंशधारकों के साथ परामर्श कर रहा है।
कंपनी के बारे में
वर्तमान में, मून बेवरेजेज भारत में एसएलएमजी और कंधारी ग्लोबल के बाद कोका-कोला कंपनी का तीसरा सबसे बड़ा बॉटलर है। इसकी स्थापित क्षमता 10,000 बीपीएम (प्रति मिनट बॉटलिंग) की है। मून बेवरेजेज ने पार्ले के साथ समझौते के तहत सॉफ्ट ड्रिंक थम्स अप, लिम्का, माजा, रिमझिम, बिसलेरी, सोडा गोल्ड स्पॉट के निर्माण से शुरुआत की। हालांकि, 1994 में कंपनी कोका कोला अटलांटा, यूएसए की अधिकृत बोतल निर्माता बन गई। इसके बाद कोका कोला, लिम्का, स्प्रिट, माजा, थम्सअप, फैंटा, मिनट मेड, कोक जीरो और किनले का निर्माण और वितरण शुरू कर दिया।