डेस्क:प्राइवेट सेक्टर की हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस का आईपीओ 7 नवंबर से ओपन हो रहा है। वहीं, आईपीओ की क्लोजिंग 11 नवंबर है। बता दें कि इस आईपीओ में 800 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा प्रमोटरों द्वारा 1,400 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की पेशकश की जाएगी। प्रमोटर बूपा सिंगापुर होल्डिंग्स पीटीई, और वैश्विक निजी इक्विटी फर्म ट्रू नॉर्थ के स्वामित्व वाली फेटल टोन LLP ऑफर-फॉर-सेल में क्रमश: 350 करोड़ रुपये और 1,050 करोड़ रुपये के शेयर बेचेंगे।
कंपनी में किसकी कितनी हिस्सेदारी
निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस में प्रमोटरों की 89.07 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसमें बूपा सिंगापुर होल्डिंग्स पीटीई की 62.19 प्रतिशत हिस्सेदारी और फेटल टोन एलएलपी की 26.80 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है। सार्वजनिक शेयरधारकों में इंडिया बिजनेस एक्सीलेंस फंड IV 2.81 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा शेयरधारक है। इस कंपनी में वी-साइंसेज इन्वेस्टमेंट्स पीटीई (2.60 प्रतिशत), एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (1.3 प्रतिशत), और ए91 इमर्जिंग फंड II एलएलपी (1.03 प्रतिशत) हिस्सेदार हैं।
रकम का कहां होगा इस्तेमाल
गुरुग्राम स्थित हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी आईपीओ से जुटाई गई रकम के इस्तेमाल के प्लान के बारे में भी बताया है। कंपनी उपकरणों में निवेश करके अपने सॉल्वेंसी स्तर को बनाए रखने और मजबूत करने को अपना कैपिटल बेस बढ़ाएगी। इसके लिए कंपनी 800 करोड़ रुपये का उपयोग करेगी।
कब होगी लिस्टिंग
आईपीओ बंद होने के बाद 13 नवंबर तक अलॉटमेंट की डिटेल आ जाएगी। इसकी अनुमानित लिस्टिंग तिथि 14 नवंबर है। निवेशक 14 नवंबर से बीएसई और एनएसई पर निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस शेयरों में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। इस आईपीओ को संभालने वाले बुक रनिंग लीड मैनेजर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, एक्सिस कैपिटल, एचडीएफसी बैंक और मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स हैं। KFin Technologies इस ऑफर की रजिस्ट्रार है।
चौथी इंश्योरेंस कंपनी
लिस्टिंग के बाद यह कंपनी स्टार हेल्थ एंड अलाइड इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल और न्यू इंडिया एश्योरेंस के बाद शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध चौथा हेल्थ इंश्योरेंस फर्म है। वित्तीय मोर्चे पर बीमा कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में 81.85 करोड़ रुपये का प्रॉफिट दर्ज किया है, जो पिछले वित्त वर्ष के 12.5 करोड़ रुपये से काफी अधिक है। इसी अवधि के दौरान परिचालन लाभ 350.9 करोड़ रुपये से तेजी से गिरकर 188 करोड़ रुपये हो गया।