उज्जैन:मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में 2 हजार और 500 रुपए के नकली नोट बनाकर बाजार में चलाने वाले गिरोह के तीन आरोपियों को पकड़ा गया है। आरोपियों को 10-10 वर्ष का कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया और एक आरोपी को 7 वर्ष के कारावास की सजा मिली है। चारों आरोपियों पर 5 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया
उज्जैन एसटीएफ निरीक्षक दीपिका शिंदे ने बताया कि मामला जुलाई 2020 का है। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि सुनील और उसका साथी श्रीराम गुप्ता दोनों इंदौर की तरफ से टीवीएस जूपिटर स्कूटर से उज्जैन आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार बताया गया कि उनके पास 2 हजार और 500 रुपये के नकली नोट रखे हैं। मुखबिर की सूचना पर संदिग्धों को चारों ओर से घेराबंदी कर पूछताछ की गई। संतोषजनक जवाब नहीं देने पर पृथक-पृथक उनकी तलाशी ली गई । जिनके कब्जे से 8 लाख रुपए के नकली नोट एवं 1 लाख रुपए के असली नोट बरामद हुए।
एसटीएफ निरीक्षक दीपिका शिंदे द्वारा चारों आरोपियों के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय उज्जैन में पेश किया गया। न्यायालय ने विचारण उपरान्त एवं विवेचना में पाए गए साक्ष्यों के आधार पर आरोपी सुनील पाटील, श्रीराम गुप्ता, के आनंद और किरण सोंडकर को नकली नोट तैयार करने और अपने आधिपत्य में रखने के जुर्म में धारा 489 क, ख, ग, घ, 120-बी भादवि के तहत गुनहगार ठहराया गया है।
उक्त दण्डनीय अपराध के लिये अपर सत्र न्यायाधीश महोदय द्वारा आरोपियों को अवैध रूप से कुल 9 लाख रुपए के नकली नोट बनाकर तैयार करने एवं नकली नोट बनाने में प्रयुक्त सामग्री के प्रकरण में 10-10 साल एवं किरण को 7 वर्ष के कारावास से दण्डित किया। अर्थ दण्ड न अदायगी के व्यतिक्रम की दशा में 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया है।