डेस्क:केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी, लेकिन सरकार अभी तक इसके मेंबर्स और चेयरमैन को अंतिम रूप नहीं दे पाई है। केंद्र सरकार ने नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) से 8वें वेतन आयोग की शर्तों (टीओआर) के लिए सुझाव मांगे हैं। एनसी-जेसीएम के कर्मचारी पक्ष ने जवाब में कहा कि नए वेतन आयोग को सेवा में न्यूनतम 5 प्रमोशन की सिफारिश करने पर विचार करना चाहिए।
एनसी-जेसीएम पक्ष का कहना है कि वेतन आयोग को एमएसीपी योजना की मौजूदा विसंगतियों को दूर करना चाहिए और इसके साथ कम से कम 5 प्रमोशन पर विचार करना चाहिए।” संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रगति (एमएसीपी) योजना गारंटी देती है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 30 साल की सेवा अवधि में कम से कम तीन कैरियर प्रमोशन मिलेगी। वर्तमान में, केंद्र सरकार एमएसीपी के तहत प्रत्येक कर्मचारी को 10, 20 और 30 साल की सेवा पर तीन प्रमोशन का आश्वासन देती है।
एनालिस्ट का अनुमान है कि नया वेतन आयोग 1.92-2.86 के बीच फिटमेंट फैक्टर पर विचार कर सकता है। इन फिटमेंट कारकों को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए संभावित वेतन संशोधन 92-186% के बीच हो सकता है।
सैलरी स्ट्रक्चर: पे स्केल को विलय करने समेत सभी कैटेगरीज के कर्मचारियों के लिए सैलरी स्ट्रक्चर रिव्यू।
न्यूनतम वेतन: अकरोयड फॉर्मूला और 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के आधार पर एक सभ्य न्यूनतम वेतन का निर्धारण।
महंगाई भत्ता: बेहतर वित्तीय सुरक्षा के लिए डीए को मूल वेतन और पेंशन के साथ मिलाना।
रिटायरमेंट लाभ: पेंशन, ग्रेच्युटी और पारिवारिक पेंशन लाभों को संशोधित करना और 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों के लिए परिभाषित पेंशन योजना को बहाल करना।
चिकित्सा लाभ: कैशलेस और परेशानी मुक्त चिकित्सा सेवाओं के लिए सीजीएचएस सुविधाओं में सुधार।
शिक्षा भत्ता: स्नातकोत्तर स्तर तक बच्चों के शिक्षा भत्ते और छात्रावास सब्सिडी को बढ़ाना।