रांची:जमीन घोटाले में ईडी ने शुक्रवार रात आठ बजे जमीन माफिया कमलेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार की सुबह 11 बजे वह एजेंसी के रांची जोनल ऑफिस पहुंचा था। पांच समन पर गैर हाजिर रहने वाले कमलेश से एजेंसी के जांच पदाधिकारी ने पूछताछ की तो उसका रवैया असहयोगात्मक रहा। सवालों पर टालमटोल करता रहा।
पूछताछ में कमलेश ने ईडी के सवालों के जवाब नहीं दिए, वहीं कई प्रश्नों को लेकर उसका जवाब संतोषजनक नहीं था। ऐसे में एजेंसी ने रांची जमीन घोटाले में उसे देर शाम गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को पूछताछ के दौरान ईडी ने चामा में गैर मजरुआ जमीन के कब्जे, जमीन खरीद-बिक्री में हुए लेनदेन की जानकारी मांगी, लेकिन कमलेश ईडी के सवालों का जवाब देने से बचता रहा। वहीं, ईडी द्वारा पुराने मोबाइल फोन के विषय में भी पूछा गया तब भी कमलेश का जवाब संतोषजनक नहीं था।
21 जून की छापेमारी के बाद था अंडरग्राउंड
ईडी ने जमीन घोटाले में गिरफ्तार शेखर कुशवाहा की रिमांड अवधि में आए तथ्यों के आधार पर कमलेश कुमार को 21 जून को समन किया था। समन पर उसी दिन उपस्थित नहीं होने के बाद एजेंसी ने कमलेश के एस्ट्रो ग्रीन्स अपार्टमेंट स्थित फ्लैट में छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान कमलेश के फ्लैट से एक करोड़ नगदी और 100 जिंदा कारतूस मिले थे। छापेमारी के बाद कमलेश लगातार एजेंसी के समन पर गैर हाजिर रहा था। वह अंडरग्राउंड हो गया था।
कांके सीओ से पूछताछ में हुए थे जमीन के खुलासे
ईडी ने जमीन घोटाला मामले में कांके सीओ जयकुमार राम से भी पूछताछ की थी। पूछताछ में यह बात सामने आई थी कि जिन 17 जमीनों की जमाबंदी के रिकार्ड डिलीट कर दिए गए थे, उनमें से अधिकांश जमीनों में जमाबंदी का आधार शून्य दिखाकर पोर्टल खोल जमाबंदी बदल दी गई थी। अधिकांश अहस्तांतरणीय प्रकृति के जमीनों की गलत तरीके से जमाबंदी की बात जांच में सामने आयी थी।
सीओ से पैसों के लेन-देन के विषय में भी पूछे गए थे सवाल
ईडी ने जयकुमार राम के मोबाइल फोन में कई लोगों से पैसे के लेन देन के साक्ष्य प्राप्त किए थे। ईडी ने जयकुमार के मोबाइल डाटा को रिट्रीव कर भी पूरी जानकारी जुटाई थी। कांके अंचल के कर्मियों के द्वारा आपस में भी घूस के पैसे के बंटवारे के साक्ष्य एजेंसी को मिले थे। इन पहलुओं पर भी सीओ से पूछताछ की गई थी।
सैकड़ों एकड़ जमीन का फर्जीवाड़ा, दर्जनों शिकायत
ईडी ने जांच में पाया है कि कांके अंचल के चामा, नगड़ी, पतरातू मौजा में सैकड़ों एकड़ जमीन का फर्जीवाड़ा कमलेश ने किया है। हाईप्रोफाइल लोगों, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से बीते छह-सात सालों में कमलेश ने जमीन पर कब्जे किए। फर्जी दस्तावेज और एनआईसी सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ करवाकर कई जमीनों की इंट्री बदलने का मामला भी कमलेश के खिलाफ सामने आया है। वहीं ईडी ने दर्जनों ग्रामीणों का बयान भी लिया है, जिसमें जमीन कब्जे की पुष्टि हुई है।
ईडी से ही पूछा था- किस केस में बुला रहे हैं बताएं
ईडी ने कमलेश को 19 जुलाई को उपस्थिति का पांचवां समन भेजा था। उस दिन ईडी को कमलेश ने एक पत्र भेजकर पूछा था कि उसके खिलाफ किस मामले में एजेंसी ने कार्रवाई की है। जमीन से जुड़े किन मामलों में एजेंसी ने उसे समन किया है, इसकी जानकारी कमलेश ने एजेंसी से ही मांगी थी। इसके बाद एजेंसी ने 19 जुलाई को ही 26 जुलाई की उपस्थिति का समन दे दिया था।