पड़ोसी देश बांग्लादेश में भारी हिंसा और बवाल के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह देश छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं। माना जा रहा है कि उन्होंने भारत में शरण लेने के लिए ढाका से उड़ान भरी है। इससे पहले सेना ने उन्हें 45 मिनट का वक्त दिया था। इसके बाद हसीना ने आनन-फानन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके पद से हटते और आवास छोड़ते ही हजारों प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को उनके सरकारी आवास गणभवन पर धावा बोल दिया। इस बीच, सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने सभी दलों की भागीदारी वाली अंतरिम सरकार बनाने की घोषणा की है।
जनरल जमां ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “हमने सभी राजनीतिक दलों के साथ सार्थक चर्चा के बाद देश में अंतरिम सरकार बनाने का फैसला किया है। हम स्थिति को सुलझाने के लिए अब राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से बात करेंगे।” ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक सेना प्रमुख ने विरोध के नाम पर सभी तरह की हिंसा को रोकने का आह्वान किया है और कहा है कि नई सरकार भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान हुई सभी मौतों के लिए न्याय सुनिश्चित करेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, हसीना ने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। वह दोपहर बाद अपनी बहन शेख रेहाना के साथ सैन्य हेलिकॉप्टर में सवार होकर भारत के लिए रवाना हो गईं। इस बीच देश की सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना के शासन के अंत का जश्न मनाने के लिए हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। सूत्रों के मुताबिक शेख हसीना पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हुई हैं। प्रस्थान से पहले उनकी एक भाषण रिकॉर्ड करने की इच्छा थी, लेकिन उन्हें ऐसा करने का मौका नहीं दिया गया क्योंकि सेना ने उन्हें देश छोड़ने के लिए सिर्फ 45 मिनट का ही वक्त दिया था।
दूसरी तरफ, सेना मुख्यालय में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रमुख व्यक्तियों के साथ बैठक जारी है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक ढाका विश्वविद्यालय के विधि विभाग के प्रोफेसर आसिफ नजरुल को सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां के साथ बैठक में आमंत्रित किये जाने की जानकारी मिली है। जातीय पार्टी के वरिष्ठ सह-अध्यक्ष अनीसुल इस्लाम महमूद और पार्टी के महासचिव मुजीबुल हक चुन्नू को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है।
बता दें कि छात्र कार्यकर्ताओं ने देश भर में कर्फ्यू के बावजूद हसीना पर इस्तीफा देने का दबाव बनाने के लिए आज ढाका तक रैली निकालने का आह्वान किया था। जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने कुछ स्थानों पर आगे बढ़ना शुरू किया, बख्तरबंद कर्मियों के वाहन और सेना राजधानी की सड़कों पर गश्त करने लगी। जात्राबारी और ढाका मेडिकल कॉलेज क्षेत्रों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में कम से कम छह लोगों की मौत होने की रिपोर्ट हैं। प्रदर्शनकारियों के छोटे समूहों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने शहर के कुछ हिस्सों में ध्वनि ग्रेनेड फेंके। इससे एक दिन पहले देश भर में हुई हिंसक झड़पों में करीब 100 लोग मारे गये थे।