बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कथित जमीन घोटाले मामले में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने राज्यपाल थावरचंद गहलोत के आदेश को चुनौती दी है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पर केस दर्ज करने की मंजूरी दी है। यह मामला एमयूडीए घोटाले से संबंधित है, जिसमें सिद्धरमैया की पत्नी को मैसूरु शहर के केसरूर में तीन एकड़ और 16 गुंटा कृषि भूमि के कथित अवैध अधिग्रहण के लिए एक पॉश इलाके में वैकल्पिक भूखंड मिला था।
सिद्धारमैया ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भी मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति क्यों न दी जाए। जवाब में, कर्नाटक कैबिनेट ने “दृढ़ता से सिफारिश” की कि राज्यपाल मुख्यमंत्री को जारी नोटिस वापस लें।
सीएम सिद्धारमैया का कहना है कि अलग-अलग घोटालों में एचडी कुमारस्वामी और बीएस येदियुरप्पा की संलिप्तता को उजागर करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं विपक्षी नेताओं और उन घोटालों को उजागर करूंगा, जिनमें वे कथित रूप से शामिल हैं।” उन्होंने कहा, “हमने (कांग्रेस ने) उनकी (विपक्षी) पदयात्रा के खिलाफ जनांदोलन सम्मेलन आयोजित किया। हमने लोगों से कहा है कि वे झूठ बोल रहे हैं और वे झूठे आरोपों के साथ पदयात्रा कर रहे हैं। वे सिद्धारमैया की छवि पर काला धब्बा लगाने की कोशिश कर रहे हैं। वे लोगों के आशीर्वाद से सत्ता में आयी इस सरकार को हटाने की कोशिश कर रहे हैं।”
बता दें कि बीजेपी सिद्धारमैया का इस्तीफा मांग रही है। वहीं बीजेपी के सुर में टीएमसी ने भी सुर मिला दिया है। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी से पूछा कि आखिर वह सिद्धारमैया का इस्तीफा क्यों नहीं मांग रहे हैं। बता दें कि सिद्धारमैया की छवि अब तक बेदाग ही मानी जाती है। बीते 10 साल में बीजेपी ने भी उनके खिलाफ एक भी शिकायत नहीं दर्ज करवाई। वहीं अब राज्यपाल द्वारा केस चलाने को मंजूरी दिए जाने के बाद बीजेपी आक्रामक है।