जम्मू: उधमपुर में आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक अधिकारी की मौत हो गई है। घात लगाए आतंकियों ने डुडू इलाके में तब सीआरपीएफ जवानों पर हमला बोल दिया, जब वे नियमित गश्ती पर थे। आतंकियों की गोलीबारी के बाद सुरक्षा बलों ने भी उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। अधिकारियों के मुताबिक इलाके में मुठभेड़ जारी है।
पुलिस के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि उधमपुर जिले में सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी के संयुक्त दल पर आतंकवादियों के हमले में सीआरपीएफ के एक निरीक्षक शहीद हो गए। अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया गया था। तभी उधमपुर के दादू इलाके में पहले से घात लगाए आतंकियों ने संयुक्त पार्टी पर हमला बोल दिया। इस हमले में CRPF अधिकारी गोली लगने से घायल हो गए जिनकी बाद में मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि बसंतगढ़ के डुडू इलाके में अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे आतंकवादियों ने सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) पर गोलीबारी की। उन्होंने बताया कि हमले में सीआरपीएफ की 187वीं बटालियन के एक निरीक्षक को गोली लगी और बाद में अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर अतिरिक्त बल भेजा गया है तथा आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
ताजा आतंकी हमला जम्मू क्षेत्र में हुआ है, जो कई वर्षों से कश्मीर की तुलना में अपेक्षाकृत शांत था लेकिन हाल के महीनों में जम्मू रेंज खासकर पीर पंजाल रेंज के दक्षिणी इलाकों में आतंकी हमले और आतंकवादी गतिविधियों में तेजी आई है। माना जाता है कि पीर पंजाल श्रेणी में घने जंगल और खड़ी पहाड़ियाां हैं, जहां आतंकी पनाह लेते रहे हैं।
बता दें कि स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले 14 अगस्त को भी जम्मू और कश्मीर के डोडा इलाके में मुठभेड़ हुई थी, जिसमें सेना के कैप्टन दीपक सिंह शहीद हो गए थे। इस घटना में एक नागरिक भी घायल हो गया था। हालांकि, पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश में लगातार मुठभेड़ों और घात लगाकर किए गए आतंकी हमलों की बढ़ती संख्या पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। यह बैठक दिल्ली के साउथ ब्लॉक में हुई थी, जिसमें एनएसए अजीत डोभाल और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शामिल थे।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अन्य सहयोगी एजेंसियों के साथ मिलकर आतंकवाद विरोधी अभियान के तहक 12 अगस्त को एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए कठुआ स्थित ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) नेटवर्क के सरगना और उसके आठ अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। कथित तौर पर ये लोग आतंकियों को रसद सहायता पहुंचाने और आतंकी गतिविधियों के लिए डोडा-उधमपुर-कठुआ जिलों के ऊपरी इलाकों तक उनके पहुंचने के लिए मार्गदर्शन करते थे।
बता दें कि दस साल बाद अगले महीने से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को 90 सीटों के लिए वोट डालेे जाएंगे और 4 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।