मुंबई। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन मामले में योगगुरु रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की माफी स्वीकार करने के बाद उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी। लंबे समय से चले आ रहे इस मामले में पतंजलि के लिए ये बड़ी राहत थी। लेकिन एक राहत मिलते ही दूसरी मुसीबत आ खड़ी हुई।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पतंजलि समूह से कहा कि उस पर लगाए गए 4 करोड़ रुपये के जुर्माने को एक सप्ताह के अंदर जमा करे। पतंजलि समूह पर बॉम्बे हाई कोर्ट की सिंगल जज की बेंच ने कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने के लिए 4 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। हालांकि इसके साथ ही कोर्ट ने एक सुझाव भी दिया है। न्यायमूर्ति अतुल चंदुरकर और राजेश पाटिल की खंडपीठ ने पक्षकारों – पतंजलि आयुर्वेद और मंगलम ऑर्गेनिक्स को एक साथ बैठकर ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में अपने विवाद को सुलझाने का प्रयास करने की सलाह दी।
न्यायमूर्ति पाटिल ने पतंजलि और मंगलम ऑर्गेनिक्स की ओर से उपस्थित हुए वकील से कहा, “आप दोनों एक साथ बैठकर विवाद क्यों नहीं सुलझा लेते? और अगर ऐसा हो जाता है, तो यह मुकदमा ही सुलझ जाएगा।”
मंगलम ऑर्गेनिक्स का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता हिरेन कामोद ने सुझाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पक्षकार आपस में बैठकर विवाद को सुलझाने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन सिंगल जज की बेंच द्वारा भारी जुर्माना लगाए जाने के मुद्दे को खुला रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया जाना चाहिए क्योंकि प्रतिवादियों (पतंजलि) ने जानबूझकर न्यायालय के आदेश की अवहेलना की है।
कामोद ने कहा, “एक विशेष निष्कर्ष यह है कि वे (पतंजलि) अवमानना के दोषी हैं। यह आदेश इस न्यायालय और उसके आदेशों की सुरक्षा और पवित्रता को बनाए रखने के लिए पारित किया गया है। हमें कोई आपत्ति नहीं है अगर यह राशि (4 करोड़ रुपये) किसी चैरिटी को दे दी जाए।” पतंजलि के वरिष्ठ वकील जाल अंधियारीजुना ने न्यायाधीशों से कहा कि उनके मुवक्किल बैठकर विवाद सुलझाने के लिए तैयार हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, “हम अपनी पैकेजिंग आदि बदलकर मुकदमे को सुलझा सकते हैं…मेरा मानना है कि इस तरह के मुद्दों को एक साथ बैठकर सुलझाया जा सकता है…हम अपने प्रोडक्ट की पैकेजिंग को इस तरह से बदलने के लिए तैयार हैं कि यह किसी भी तरह से उनके उत्पाद से मिलती-जुलती न हो।”
इसके बाद न्यायाधीशों ने पतंजलि द्वारा दायर अपील पर सुनवाई स्थगित कर दी ताकि पक्षकार आपस में बात करते ये बता सकें कि विवाद को सुलझाने की कोई संभावना है या नहीं। न्यायाधीशों ने कहा, “जब तक पक्षकार हमारे पास वापस नहीं आते, हम 4 करोड़ रुपये जमा करने की समयसीमा बढ़ाते हैं।” साथ ही, समयसीमा को 2 सितंबर तक बढ़ा दिया। इसी दिन मामले की अगली सुनवाई होगी।
पीठ पतंजलि समूह द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति रियाज छागला के 29 जुलाई के आदेश को चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति रियाज छागला ने उच्च न्यायालय के 30 अगस्त, 2023 के आदेश का उल्लंघन करने के लिए पतंजलि समूह पर 4 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया था। इसके साथ ही उन्होंने पतंजलि को कपूर उत्पाद बेचने से रोक दिया था, जो भ्रामक रूप से मंगलम ऑर्गेनिक्स के उत्पाद के समान थे।