नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के दखल के बाद दिल्ली नगर निगम के लिए आज बुधवार को होने वाले वार्ड समिति के चुनाव अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगे। इससे पहले इन चुनावों के होने न होने को लेकर उस वक्त सस्पेंस बन गया था जब दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने मंगलवार को पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति से इनकार कर दिया था। ऐसे में L-G सक्सेना ने इस मामले में दखल देते हुए निगम के अधिनियम के मद्देनजर आयुक्त अश्विनी कुमार को चुनाव कराने के निर्देश दिए। जिसके बाद आयुक्त ने सभी जोन के उपायुक्तों को पीठासीन अधिकारी के तौर पर नियुक्त करते हुए बुधवार को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव कराने के लिए आदेश जारी कर दिया।
एमसीडी आयुक्त के आदेश में कहा गया है कि, ’12 वार्ड समितियों में से प्रत्येक से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्थायी समिति के लिए एक सदस्य के चुनाव की अनुसूची पहले ही तय की जा चुकी है। चूंकि, महापौर ने बुधवार को चुनाव निर्धारित होने के बावजूद उक्त चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारियों को नामित नहीं किया था, इसलिए अब व्यापक जनहित में तथा नगर निकाय की लोकतांत्रिक भावना को बनाए रखने के लिए उपराज्यपाल ने निर्देश दिया है कि यह चुनाव आयुक्त, एमसीडी द्वारा अधिसूचित कार्यक्रम के अनुसार कराए जाएं। इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों के उपायुक्त ही स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के हित में पीठासीन अधिकारी के कार्य और कर्तव्यों का पालन करेंगे। सुचारू, निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए चुनाव की पूरी प्रक्रिया को रिकॉर्ड किया जाना चाहिए।’
मेयर ने नहीं की थी प्रिसाइडिंग ऑफिसर्स की नियुक्ति
इससे पहले दिल्ली की मेयर ने यह कहते हुए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति से इनकार कर दिया था कि उनकी अंतरात्मा उन्हें अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की इजाजत नहीं देती। साथ ही उन्होंने निगम आयुक्त अश्विनी कुमार को चुनाव प्रक्रिया फिर से शुरू करने और नामांकन दाखिल करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय देने का निर्देश दे दिया था। दरअसल पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति के बिना मतदान संभव नहीं हैं, इसलिए चुनाव के स्थगित होने का खतरा बढ़ गया था। लेकिन एलजी ने आखिरी वक्त पर अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर चुनाव को आगे बढ़ने से रोक दिया।
MCD Commissioner issues an order for conducting the Election of the Chairman, Dy. Chairman and Standing Committee members
Order reads, “Lt Governor has directed that the elections be conducted as per the schedule notified by the Commissioner, MCD. Further, the Deputy… pic.twitter.com/tBUGLB3YqR
— ANI (@ANI) September 3, 2024
‘नामांकन के लिए सिर्फ एक दिन का समय नहीं दे सकते’
MCD कमिश्नर को लिखे नोट में दिल्ली मेयर ने कहा था- मुझे पार्षदों से कई ज्ञापन मिले हैं जो केवल एक दिन के नोटिस के कारण नामांकन दाखिल नहीं कर पाए हैं। लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए नामांकन के लिए पर्याप्त समय देना आवश्यक है। मेरे निर्देश के बाद नगर निगम सचिव को चुनाव की अधिसूचना देने में पांच दिन लग गए, तो नामांकन दाखिल करने के लिए केवल एक दिन कैसे दिया जा सकता है।’ ओबेरॉय ने कहा था कि एमसीडी के इतिहास में नामांकन दाखिल करने के लिए इतना कम समय पहले कभी नहीं दिया गया।
नेता विपक्ष ने कहा था- AAP ने मान ली हार
उधर शैली ओबेरॉय के फैसले और चुनाव पर संशय के बादल मंडराते देख दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा था कि नगर निगम वार्ड समितियों के चुनाव में पीठासीन अधिकारी नियुक्त न करके मेयर डॉ. शैली ओबरॉय और आम आदमी पार्टी ने न केवल वार्ड समितियों में बल्कि स्थायी समिति के चुनाव में भी हार स्वीकार कर ली है। विपक्ष के नेता ने कहा है कि आम आदमी पार्टी ने नगर निगम के दो साल बर्बाद कर दिए हैं, वार्डों में विकास कार्य ठप पड़े हैं। ऐसी स्थिति है कि नगर निगम आयुक्त को संवैधानिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।
भाजपा बोली थी- मेयर ने की लोकतंत्र की हत्या
उधर दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने निगम की वार्ड समितियों के लिए पीठासीन अधिकारियों को नियुकत न करने के मुद्दे पर मेयर पर निशाना साधते हुए उन पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि एमसीडी वार्ड समितियों के चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति से इनकार करके मेयर डॉ. शेली ओबेरॉय ने लोकतंत्र की हत्या की है।
उन्होंने शैली ओबेरॉय को बर्खास्त करने की जरूरत बताते हुए कहा था कि उन्होंने मेयर के रूप में रहने के लिए सभी संवैधानिक और नैतिक अधिकार खो दिए हैं और उन्होंने एमसीडी को संभावित विघटन के कगार पर धकेल दिया है। हालांकि उपराज्यपाल के दखल के बाद अब ये चुनाव बुधवार को अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगे।
MCD Standing Committee Elections: Mayor Shelly Oberoi refuses to appoint presiding officer, says conscience does not allow her to participate in undemocratic election process; directs the commissioner to restart election process giving at least one week notice for filing the… pic.twitter.com/YZBAV8apK6
— ANI (@ANI) September 3, 2024