जयपुर:उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की सिर कलम कर हत्या किए जाने के बीच पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करने के आरोप में राजस्थान के तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए तीनों लोग सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में थे।
शीर्ष खुफिया अधिकारी ने कहा कि सीमावर्ती श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चुरू जिलों में ‘ऑपरेशन हिफाजत’ के तहत चलाए गए अभियान में कुल 23 संदिग्ध व्यक्तियों से संयुक्त रूप से पूछताछ की गई।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पाया गया कि इनमें तीन व्यक्ति हनुमानगढ़ के अब्दुल सत्तार, गंगानगर जिले के सूरतगढ़ के नितिन यादव और चूरू के राम सिंह सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में थे।
अधिकारी ने बताया कि ये तीनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को सामरिक महत्व की संवेदनशील सूचनाएं उपलब्ध करवा रहे थे और इस कार्य के बदले पाकिस्तानी हैंडलर से धनराशि भी प्राप्त कर रहे थे।
12 साल से पाकिस्तानी एजेंट था अब्दुल सत्तार
उन्होंने बताया कि हनुमानगढ़ का निवासी अब्दुल सत्तार वर्ष 2010 से नियमित रूप से पाकिस्तान की यात्रा कर रहा था। वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के स्थानीय एजेंट के रूप में कार्य कर रहा था। अधिकारी ने कहा कि पूछताछ में अब्दुल सत्तार ने स्वीकार किया है कि भारत आने के बाद वह लगातार पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था तथा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की फोटो साझा कर रहा था।
उन्होंने कहा कि सूरतगढ़ निवासी नितिन यादव पाकिस्तानी महिला एजेंट के हनीट्रैप में फंसकर सूरतगढ़ और महाजन फील्ड फायरिंग रेंज की सामरिक महत्व की सूचनाएं साझा कर धनराशि प्राप्त कर रहा था।
तीनों व्यक्तियों के मोबाइल फोन में मिलीं महत्वपूर्ण सूचनाएं
अधिकारी ने बताया कि तीनों व्यक्तियों के मोबाइल फोन में ऐसी कई महत्वपूर्ण सूचनाएं मिली हैं, जो सामरिक महत्व की हैं एवं प्रतिबंधित हैं। तीनों व्यक्तियों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलर को ये जानकारियां उपलब्ध कराई थीं। महत्वपूर्ण सूचनाओं के बदले धनराशि प्राप्त किए जाने के प्रमाण भी मिले हैं।
तीनों व्यक्तियों से विस्तृत पूछताछ एवं तकनीकी जांच के बाद इनके विरुद्ध शासकीय गोपनीयता अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।