डेस्क:बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार अब भारत से जुड़े व्यवसायों की जांच करने की तैयारी कर रही है। इनमें अडानी समूह का नाम भी शामिल है। खबर है कि इसके तहत बिजली समझौते की जांच की जानी है। इससे पहले कहा जा रहा था कि मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार भारत के साथ पूर्व में हुए समझौतों को भी जांच के बाद खत्म कर सकती है। अगस्त की शुरुआत में हुई हिंसा के बाद तत्कालनी प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिम सरकार अडानी समूह के साथ साल 2017 में हुई डील की भी जांच करेगी, जिसके तहत झारखंड की यूनिट से बिजली सप्लाई की जाती है। रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिम सरकार समझौते की शर्त जानना चाहती है और साथ ही यह भी पता करना चाहती है कि इसके लिए चुकाई जा रही कीमत वाजिब है या नहीं।
अखबार से बातचीत में अंतरिम सरकार के एक सदस्य ने बताया, ‘अडानी बिजनेस जैसे भारतीय व्यवसायों की जांच की जाएगी…। किस तरह के कॉन्ट्रैक्ट साइन किए गए हैं, क्या शर्तें हैं, ऐसी विदेशी कंपनी नहीं हो सकती, जो स्थानीय कानूनों का पालन न करे।’ उन्होंने कहा, ‘ये जांचें की जाएंगी। इसे भारतीय व्यवसायों को निशाना बनाने की तरह दिखाया जाएगा, लेकिन नहीं… इनकी जांच की जानी है कि वे यङां क्या कर रहे हैं, बांग्लादेश कितना धन चुका रहा है और यह वाजिब है या नहीं। ये सभी सवाल उठेंगे।’
क्या थी डील
नवंबर 2017 में अडानी पावर (झारखंड) लिमिटेड ने बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के साथ 25 साल के लिए 1496 MW बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत बांग्लादेश गोद्दा प्लांट में बनने वाली 100 फीसदी बिजली बांग्लादेश खरीदेगा। अखबार के अनुसार, अप्रैल-जून 2023 के दौरान गोद्दा प्लांट ने बांग्लादेश के बेस लोड का 7 से 10 फीसदी सप्लाई किया था।
क्या बोला अडानी समूह
अखबार से बातचीत में अडानी समूह के प्रवक्ता ने कहा, ‘बांग्लादेश सरकार के हमारे PPA की जांच की कोई जानकारी हमारे पास नहीं है। सच्ची साझेदारी की भावना में हम भारी बकाया होने के बाद भी उन्हें बिजली की सप्लाई जारी रखते हैं। हम बांग्लादेश अथॉरिटी के साथ पूरी तरह से संपर्क में हैं और जल्द भुगतान करने के लिए कहा है, क्योंकि इससे हमारा काम प्रभावित हो रहा है।’ रिपोर्ट में फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि अडानी ने 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा के बकाया को लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को चेतावनी दी है।