श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का विधानसभा चुनाव 18 सितंबर को होना है। आज उसके लिए प्रचार का आखिरी दिन है। इस बीच सभी राजनीतिक दल खूब मेहनत कर रहे हैं ताकि राज्य के लोगों का विश्वास हासिल किया जा सके। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद पहली बार ये विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं। इसमें लद्दाख को बाहर रखा गया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेन्स के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इसे विश्वासघात करार दिया है।
अब्दुल्ला ने इस बात को भी रेखांकित किया है कि जो लोग लंबे समय से यानी 30-35 साल से चुनावों से दूर थे वे भी इस चुनाव में शिरकत कर रहे हैं। अब्दुल्ला का इशारा प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों से था। बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद को चुनावों से ठीक पहले जमानत देने के मुद्दे पर भी उमर अब्दुल्ला ने निशाना साधा और स्पष्ट कहा कि इंजीनियर राशिद की डोर कहीं और से संचालित हो रही है। उन्होंने कहा कि इस बात के स्पष्ट संकेत मिले हैं कि इंजीनियर राशिद किसी और के इशारे पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि इंजीनियर राशिद को मैदान में सिर्फ इसलिए उतारा गया है ताकि वे नेशनल कॉन्फ्रेन्स के खिलाफ बयानबाजी कर सकें और उनकी पार्टी को वोट बैंक में सेंधमारी कर सकें। अब्दुल्ला ने इंजीनियर राशिद पर भाजपा की बी टीम होने का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी भी लगातार इंजीनियर राशिद को भाजपा की बी टीम कहती रही है। उन दोनों का आरोप है कि वोटों का विभाजन करने और भगवा पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए ही चुनावों से ऐन पहले इंजीनियर राशिद को जमानत दी गई है।
उमर अब्दुल्ला पीएम मोदी पर भी हमलावर हैं। उन्होंने 19 सितंबर को होने वाली पीएम मोदी की रैली में सरकारी पैसे के गलत इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया और कहा कि सरकारी पैसे खर्च कर पीएम की रैली के लिए लोगों को इकट्ठा किया जा रहा है। शेर-ए-कश्मीर पार्क में होने वाली पीएम मोदी की इस रैली में 30,000 से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी प्रधानमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों को इकट्ठा कर एक रैली की थी लेकिन अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कश्मीर घाटी में पीएम मोदी एक भी सीट जीत पाते हैं या नहीं?
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास कहने के लिए और कुछ नहीं बचा है इसलिए वह ‘वंशवादी राजनीति’ के बारे में बात करने के लिए मजबूर हैं। अब्दुल्ला ने कहा, “ हालांकि, अंतिम निर्णय जनता करेगी, जब वे विधानसभा चुनाव में मतदान करने के लिए बाहर आयेंगे। देखते हैं कि प्रधानमंत्री के शब्दों से लोग कितने प्रभावित होते हैं।” उन्होंने कहा, “उनके पास कहने के लिए क्या बचा है? उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कुछ भी नहीं किया है। कोई नयी परियोजना नहीं आयी है। आज जो भी परियोजनाएं चल रही हैं, वे पिछली सरकारों की वजह से है। हमें इस सरकार से कुछ भी नया नहीं मिला, खास तौर पर पिछले पांच सालों में। यही वजह है कि प्रधानमंत्री साहब तीन परिवारों के बारे में बात करने को मजबूर हैं। लेकिन अंतिम फैसला जनता करेगी।” बता दें कि पीएम मोदी ने दो दिन पहले जम्मू के डोडा जिले में अपनी पहली रैली में तीन वंशों- अब्दुल्ला, मुफ्ती और गांधी- पर कश्मीर को नष्ट करने का आरोप लगाया।