जयपुर:उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या, अचानक आवेश में की गई वारदात नहीं थी। रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम देने के लिए ना सिर्फ लंबी साजिश रची थी, बल्कि बारीकी से इसकी तैयारी की थी। उन्होंने कन्हैया की दुकान पर जाने, गला रेतने से लेकर भागने तक का पूरा खाका तैयार कर लिया था। सर तन से जुदा करने में कोई चूक ना हो जाए, इसको लेकर उन्होंने ऑनलाइन तैयारी की थी। वह बार-बार गला रेतने वाले वीडियो देखा करते थे।
रियाज-गौस समेत कन्हैया की हत्याकांड में गिरफ्तार सभी चार आरोपियों से जयपुर के एटीएस-एसओजी मुख्यालय में एनआइए पूछताछ कर रही है। पूछताछ में आरोपियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सूत्रों के मुताबिक, रियाज और गौस के मोबाइल में पाकिस्तानीकट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के कई वीडियो मिले हैं। दोनों इंसानों का गला रेतने के वीडियो भी देखा करते थे। कन्हैया की हत्या से पहले भी उन्होंने कई वीडियो को देखे थे।
शोएब की क्या थी भूमिका?
इस बीच रविवार को एनआईए की एक टीम फिर उदयपुर पहंची। यहां चार आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। एनआईए शोएब की भूमिका की जांच कर रही है। शोएब एसके इंजीनियर्स का मालिक है। कन्हैया की हत्या के बाद रियाज और गौस ने शोएब की फैक्ट्री के सामने बने उसकी एक दुकान में वीडियो बनाकर कत्ल की जिम्मेदारी ली थी। यह भी बताय जा रहा है कि हत्या में इस्तेमाल खंजर को शोएब की फैक्ट्री में ही तैयार किया गया था।
पाकिस्तानी ग्रुप में सक्रिय थे रियाज-गौस
एनआईए की पूछताछ में यह भी सामने आया है कि रियाज और गौस पाकिस्तानी कट्टरपंथियों खासकर तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़े सोशल मीडिया ग्रुप्स का हिस्सा थे। इन ग्रुप्स में कट्टरपंथी और आतंकी वीडियो शेयर किए जाते थे। रियाज और गौस इन वीडियो को बार-बार देखा करते थे। एनआईए यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन पाकिस्तानी ग्रुप्स में और कितने हिन्दुस्तानी जुड़े हुए थे।