हरियाणा में चुनावी माहौल जोर पकड़ रहा है, लेकिन कांग्रेस के भीतर सबकुछ ठीक नहीं लग रहा। खासकर, वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा की चुनावी गतिविधियों से दूरी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि भूपिंदर सिंह हूडा को पार्टी में दी जा रही प्राथमिकता से शैलजा नाराज हैं। इस बीच, अंबाला में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की आज होने वाली रैली में शैलजा का रुख अहम होगा।
हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान है, लेकिन शैलजा न तो जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं और न ही सोशल मीडिया पर। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेतृत्व उन्हें मनाने की हरसंभव कोशिश कर रहा है।
कुमारी शैलजा सिरसा से सांसद हैं, जो अंबाला विधानसभा क्षेत्र के निकट है। यदि वह खरगे की अंबाला और घरौंदा में होने वाली रैलियों में शामिल होती हैं, तो कांग्रेस के लिए यह फायदेमंद साबित हो सकता है। खासकर दलित वोटरों के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा। हालांकि, यह भी खबर है कि भाजपा शैलजा की नाराजगी का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहले ही कहा था कि कांग्रेस में शैलजा का अपमान हुआ है, और वह भाजपा में शामिल हो सकती हैं।
वहीं, कांग्रेस नेतृत्व शैलजा की नाराजगी को ज्यादा तूल नहीं देना चाहता। पार्टी का दावा है कि शैलजा जल्द ही चुनावी अभियान में सक्रिय होंगी। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस जल्द ही हरियाणा में एक बड़ी रैली का आयोजन करेगी, जिसमें राहुल गांधी सहित सभी प्रमुख नेता, जैसे भूपिंदर हूडा, दीपेंदर हूडा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा शामिल होंगे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि शैलजा की नाराजगी की अफवाह भाजपा के द्वारा फैलाई गई है, और इसमें खट्टर की भूमिका हो सकती है। मल्लिकार्जुन खरगे ने एक टीवी चैनल पर कहा कि कुमारी शैलजा कांग्रेस की समर्पित कार्यकर्ता हैं, और कांग्रेस को भाजपा की सलाह की जरूरत नहीं है।