स्ट्रीट डॉग्स को लेकर अक्सर लोग सावधानी बरतते हैं लेकिन कई बार डॉग्स बाइट का शिकार हो जाते हैं। कई बार तो कुत्ते के काटने पर आप रेबीज की चपेट में आ सकते हैं। रेबीज एक ऐसी समस्या है जो कुत्ता, बिल्ली, लोमड़ी और चील के काटने से हो सकता है। रेबीज की रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है। इस दिन फ्रांसीसी जीवविज्ञानी लुई पाश्चर की मृत्यु की सालगिरह भी मनाई जाती है, जिन्होंने पहला रेबीज टीका बनाया था। यहां पर हम बता रहे हैं कि कुत्ते के काटने पर आपको सबसे पहले क्या करना चाहिए।
खतरनाक है बीमारी
पालतू जानवर या फिर स्ट्रीट कुत्ते और बिल्ली दोनों के काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इनके काटने पर जब इलाज नहीं मिलता तो रेबीज हो सकता है। अगर इसता इलाज न करवाएं तो ये व्यक्ति के लिए खतरनाक साबित हो सकती। इसके इलाज के लिए तुरंत इंजेंक्शन लगवाना जरूरी है। इसी के साथ जानिए कुत्ते के काटने पर तुरंत क्या करें।
काटे गई जगह को साफ करें
कुत्ते के काटने के बाद घावों को साबुन और पानी से साफ करें। गंदगी, बैक्टीरिया और लार को हटाने के लिए काटे गए घाव को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोना चाहिए।
यूं रोके खून
अगर कुत्ते ने ज्यादा काट लिया है और काटने पर खून बह रहा है, तो ब्लीडिंग को नियंत्रित करने के लिए एक साफ कपड़े को हल्का दबाव बनाते हुए बांध लें।
न करें ये काम
कुत्ते के काटने के बाद लोगों से आपको तरह-तरह की सलाह मिल सकती हैं। लेकिन आपको किन पर विश्वास करना है और किस पर नहीं ये आपके ऊपर है। कुत्ते के काटने पर हाइड्रोजन पेरोक्साइड या अल्कोहल का इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि ये घाव को और ज्यादा परेशान कर सकते हैं।
लगते हैं इतने इंजेक्शन
जब आपको कुत्ते ने काट लिया होता है तो टेटनस इंजेक्शन का लगना जरूरी है। वहीं रेबीज का टीका पांच खुराकों में लगाया जाता है। जो आमतौर पर काटने के दिन और फिर काटने के तीसरे दिन, सातवें दिन, चौदहवें दिन पर पांच खुराक होती है और 30वें दिन एक बूस्टर खुराक दी जाती है।