डेस्क: हरियाणा चुनाव में काफी जोर-शोर से प्रचार करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) को करारी हार मिली है। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का गृह राज्य होने के बावजूद यहां आप खाता तक नहीं खोल पाई। पार्टी ने 90 में से 88 सीटों पर चुनाव लड़ा। केवल एक उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहा बाकी 87 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। उनका वोट शेयर 1.8 प्रतिशत रहा। दूसरी तरफ जम्मू और कश्मीर के डोडा से आप उम्मीदवार ने जीत दर्ज की जो काफी चौंकाने वाला था।
कांग्रेस के साथ नहीं बनी बात
आप ने कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की कोशिश की। लेकिन भारी विरोध की वजह से बात नहीं बनी और दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनावी रण में उतरने का फैसला लिया। मंगलवार को आए चुनाव परिणाम हरियाणा में आप के लिए बहुत बड़ा झटका है क्योंकि पार्टी न केवल अपना खाता खोलने में नाकामयाब रही, बल्कि उसका वोट शेयर भी दो फीसदी से भी कम रहा। यह तब हुआ जब पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल, जो भिवानी जिले के सिवनी से हैं। केजरावील ने जमानत पर रिहा होने के बाद अपने गृह क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक रोड शो और आउटरीच कार्यक्रम किए और ‘हरियाणा के लाल’ के लिए वोट मांगे।
वोटर्स को नहीं लुभा पाए
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, केजरीवाल का ऐसा कहना कि अगर वह ईमानदार हैं तो उन्हें वोट दें और आप की भावनात्मक कैंपेन मतदाताओं को प्रभावित करने में विफल रही। पार्टी ने अपने सभी नेताओं- केजरीवाल, मनीष सिसोदिया से लेकर सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा के साथ एक हाई-वोल्टेज चुनावी अभियान चलाया, जिसमें उसने भाजपा पर काफी तेज हमले किए। उन्होंने भ्रष्टाचार और एजेंसियों के दुरुपयोग से लेकर बेरोजगारी तक के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन उनकी कोशिशें मतदाताओं को प्रभावित करने में असफल रहीं।
एक को छोड़कर सबकी जमानत जब्त
इसके अलावा आप की मुफ्त बिजली और स्वास्थ्य सेवा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, मोहल्ला क्लीनिक और बेरोजगारी दूर करने के उपाय जैसी ‘गारंटियों’ का भी लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ा। जगाधरी में 43,813 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे आप उम्मीदवार आदर्श सिंह को छोड़कर, पार्टी के सभी 87 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
वोट शेयर बढ़ा
कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत विफल होने के बाद, आप ने हरियाणा में 90 में से 88 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया और भरोसा जताया कि वह ‘मुख्य खिलाड़ी’ होगी। अपने कैंपेन में, केजरीवाल ने यह भी कहा कि आप के समर्थन के बिना कोई भी पार्टी हरियाणा में सरकार नहीं बना सकती। हालांकि नतीजे कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। इन सबके बीच पार्टी के लिए खुशी की बात यह है कि उसका वोट शेयर बढ़ा है। 2024 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 2.48 लाख (1.8 प्रतिशत) वोट मिले हैं। वहीं 2019 में जब आप ने 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था, तब इसका वोट शेयर 0.5 फीसदी था।