डेस्क:नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें निवेशक कुछ एनबीएफसी को आक्रामक रूप से बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जिसके कारण अनुचित कारोबारी व्यवहार को बढ़ावा मिल रहा है। शक्तिकांत दास ने कहा कि एनबीएफसी अगर इस तरह की गतिविधियां जारी रखते हैं तो आरबीआई दोषी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकिचाएगा नहीं।
क्या बोले आरबीआई गवर्नर
शक्तिकांत दास ने कहा- घरेलू और विदेशी दोनों सोर्सेज से अपनी पूंजी में मजबूत वृद्धि के कारण और कभी-कभी अपने निवेशकों के दबाव में आकर कुछ एनबीएफसी अपने शेयर पर अत्यधिक मुनाफे की तलाश में रहते हैं। इन एनबीएफसी में सूक्ष्म वित्त संस्थान (एमएफआई) और आवास वित्त कंपनियां (एचएफसी) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रवृत्तियों के कारण अनुचित रूप से हाई प्रोसेसिंग चार्ज और अनावश्यक दंड जैसी प्रथाएं बढ़ रही हैं। दास ने कहा कि यदि इन एनबीएफसी द्वारा इसका समाधान नहीं किया गया तो इसके परिणामस्वरूप उच्च लागत तथा अत्यधिक कर्ज वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम उत्पन्न कर सकते हैं।
कार्रवाई करने में संकोच नहीं
दास ने कहा कि रिजर्व बैंक इन क्षेत्रों पर करीबी नजर रख रहा है और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक चाहता है कि एनबीएफसी स्वयं इसमें सुधार करें।
डिप्टी गवर्नर क्या बोले
वहीं, डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे. ने कहा कि यह कड़ा संदेश चुनिंदा गड़बड़ी करने वाली एनबीएफसी तथा उन क्षेत्रों को लक्षित है जहां कार्यप्रणाली संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि दोनों में ही अधिक चूक तथा उच्च ऋण लागत के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि एनबीएफसी क्षेत्र ने पिछले कुछ वर्षों में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है और ऐसे ऋणदाताओं ने वित्तीय समावेश के नीतिगत उद्देश्य में मदद की है। शक्तिकांत दास ने बैंकों और एनबीएफसी से कहा कि वे इन क्षेत्रों में अपने पर्सनल लोन के साइज और गुणवत्ता दोनों के संदर्भ में सावधानीपूर्वक आकलन करें। वहीं, कर्ज की कड़ी निगरानी करें।