कोलकाता:भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पुलिस को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि वो गिरफ्तर करके दिखाए। घोष ने शुक्रवार को कहा कहा कि उन्हें हत्यारी और भ्रष्ट तृणमूल कांग्रेस से शालीनता व नैतिकता सीखने की जरूरत नहीं है। हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ घोष की कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। घोष ने टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल की राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात के कुछ घंटे बाद पुलिस को यह चुनौती दी है।
धनखड़ ने बनर्जी के खिलाफ घोष की टिप्पणी से संबंधित मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया है। बीजेपी की राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख घोष ने दावा किया कि उन्होंने बनर्जी के खिलाफ कोई अनुचित टिप्पणी नहीं की और उनकी टिप्पणी केवल उनके राजनीतिक अवसरवाद व असंगति के संदर्भ में थी। बीजेपी नेता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के प्रतिनिधित्व वाले भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में भी कट मनी संस्कृति और तृणमूल कांग्रेस द्वारा विरोधियों पर किए गए अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।
‘मैंने कोई कट मनी नहीं ली है’
उन्होंने गुरुवार रात कहा, ‘मैं पश्चिम बंगाल पुलिस को मुझे गिरफ्तार करने की चुनौती देता हूं। मैंने कोई कट मनी नहीं ली है, न ही मैंने किसी की हत्या की है। मैंने किसी की संपत्ति को नहीं जलाया है और न ही उन्हें लूटा है। मैंने अपने विचारों का विरोध करने के लिए लोगों को नहीं पीटा है। अगर, फिर भी कानून के रखवाले मुझे सलाखों के पीछे डालना चाहते हैं, मैं उन्हें पुलिस भेजने की चुनौती देता हूं।’
टीएमसी से नैतिकता सीखने की जरूरत नहीं
घोष ने आरोप लगाया, ‘मैं हत्यारी टीएमसी से नैतिकता या शालीनता नहीं सीखूंगा, जिसने पिछले साल के विधानसभा चुनावों के बाद से हमारी पार्टी के नेताओं व जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की जान ले ली। मैं उन भ्रष्ट लोगों से कुछ नहीं सीखूंगा जो सरकारी धन का गबन करते हैं और गरीब लोगों के लिए उपलब्ध मदद को अपने रिश्तेदारों को देते हैं।’
क्या है पूरा मामला?
दरअसल घोष ने ‘इंडिया टुडे ईस्ट कॉनक्लेव’ में एक सत्र के दौरान पिछले राज्य विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के ‘बांग्लार मेये’ (बंगाल की बेटी) अभियान और बाद में गोवा के चुनाव में तटीय राज्य से अपना संबंध बताने के संदर्भ में मुख्यमंत्री के खिलाफ कुछ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिसपर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने कड़ी आपत्ति जताई थी।