मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए आज नामांकन का आखिरी दिन है। फिर भी करीब 21 सीटों पर महाविकास अघाड़ी में अब भी मतभेद हैं। इसके अलावा 9 सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा की लीडरशिप वाले महायुति ने कैंडिडेट तय नहीं किया है। ऐसे में आज का दिन महाराष्ट्र की राजनीति में अहम रहने वाला है। इस बीच उद्धव सेना और कांग्रेस के बीच संघर्ष नए स्तर पर पहुंच चुका है। ताजा विवाद सोलापुर साउथ सीट को लेकर है। यहां से कांग्रेस ने कैंडिडेट की घोषणा कर दी है, जबकि उद्धव सेना ने पहले ही उम्मीदवार उतारा था। ऐसे में उद्धव सेना भड़क गई है और उसका कहना है कि हम भी कांग्रेस की कई सीटों पर उम्मीदवार उतार सकते हैं।
सोलापुर साउथ सीट से कांग्रेस ने दिलीप माने को उतारा है, जबकि उद्धव सेना पहले ही अमर पाटिल को उम्मीदवार बना चुकी है। अब इसी को लेकर संघर्ष की स्थिति है और संजय राउत ने तेवर तल्ख कर लिए हैं। संजय राउत ने कहा, ‘मुझे लगता है कि सोलापुर में कैंडिडेट उतारना शायद कांग्रेस में टाइपिंग की गलती है। लेकिन ऐसी टाइपिंग की मिस्टेक हमारी तरफ से भी हो सकती है। हमें जानकारी मिली है कि मिराज में भी स्थानीय कांग्रेस नेता उम्मीदवार उतारना चाहते हैं। यदि ऐसा हुआ तो फिर पूरे महाराष्ट्र में ऐसी स्थिति बन सकती है और गठबंधन में समस्या होगी। इसलिए इस पर जल्दी ही वार्ता कर लेनी चाहिए।’
राउत ने साफ कहा कि यदि सोलापुर साउथ से कांग्रेस ने कैंडिडेट वापस नहीं लिया और मिराज में भी प्रत्याशी उतारा तो फिर हम ऐक्शन लेंगे। हम भी अपने काडर से कहेंगे कि वे कांग्रेस के खिलाफ कैंडिडेट उतारें। दरअसल महाराष्ट्र में विवाद इस बात को लेकर है कि कांग्रेस खुद को सीनियर पार्टनर के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही है। जबकि उद्धव सेना भी खुद को कमजोर नहीं मान रही। इसी के चलते तीनों दलों के बीच 85-85 सीटों पर लड़ने का फैसला हुआ था। इसके बाद भी 33 सीटें रह गई थीं और इन्हीं को लेकर कांग्रेस और सेना के बीच विवाद है। राउत ने कहा कि मुंबई को लेकर तो फैसला हो चुका है। यहां हम बड़ी पार्टी हैं और हमें ही मौका मिलना चाहिए।
वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने संजय राउत की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि यह फैसला तो हाईकमान ने लिया है। हम इस पर कुछ नहीं कहेंगे। उन्होंने राउत को नसीहत भी दी कि उनको हम पर निशाना साधने की बजाय सत्ताधारी दलों को टारगेट करना चाहिए।