नई दिल्ली:सीबीआई ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के एक लीगल ऑफिसर को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने आरोपी के घर की तलाशी के दौरान 3.79 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं।
सीबीआई ने डूसिब के लीगल अधिकारी विजय मग्गो और एक बिचौलिए को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। उन पर एक व्यवसायी की दो दुकानों की सील खोलने के लिए पांच लाख की रिश्वत लेने का आरोप है।
छापे के दौरान आरोपी के परिसरों की तलाशी के दौरान कुछ संपत्तियों के दस्तावेजों के अलावा 3.79 करोड़ रुपये नकद जब्त किए।
गुरुवार 7 नवंबर को सीबीआई ने 4 नवंबर की शिकायत के आधार पर विजय मग्गो, सतीश नाम के एक निजी व्यक्ति और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
आरोप है कि आरोपी लीगल अधिकारी ने शिकायतकर्ता से उसकी दो दुकानों को खोलने और उसे बिना किसी बाधा के दुकानें चलाने की अनुमति देने के लिए एक अन्य डीयूएसआईबी अधिकारी के नाम पर 40 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
बाद में, सीबीआई ने 7 नवंबर को जाल बिछाया और आरोपी लीगल अधिकारी को शिकायतकर्ता से 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। इस मामले में जांच जारी है।
मग्गो का कुछ नहीं हुआ : दिल्ली सरकार
पीटीआई के अनुसार, दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में कहा में कि दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने डूसिब के लीगल अधिकारी विजय मग्गो के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
दिल्ली सरकार ने कहा कि यह ध्यान देने वाली बात है कि डीयूएसआईबी के सीईओ भी चाहते थे कि मग्गो को लीगल अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया जाए और उन्होंने कुछ महीने पहले मार्च 2024 में डूसिब बोर्ड के समक्ष एक प्रस्ताव भी लाया गया था। हालांकि, इस एजेंडे को बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज और बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार नहीं किया।
बयान में कहा गया है कि भारद्वाज ने 22 अप्रैल को केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखकर डूसिब की संपत्तियों की सील हटाने से संबंधित मामलों में शक्तियों का दुरुपयोग, महत्वपूर्ण जानकारी को दबाने और तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के लिए अपनाए जा रहे भ्रष्ट तरीकों के बारे में बताया था। बयान में दावा किया गया है कि मंत्री ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि मग्गो के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।