डेस्क: महंगाई के मोर्चे पर झटके वाली खबर है। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 6.21 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने यानी सितंबर में 5.49 प्रतिशत थी। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने के कारण रिटेल महंगाई दर 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसी के साथ रिटेल महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर के ऊपर निकल गई है। पिछले साल इसी महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 4.87 प्रतिशत थी।
क्या है डिटेल
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य वस्तुओं में मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 10.87 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर में 9.24 प्रतिशत और पिछले साल अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत थी। आरबीआई ने पिछले महीने नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था। सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत घट-बढ़) पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।
देश का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 3.1% बढ़ा
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन की वजह से देश का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) सितंबर में 3.1 प्रतिशत बढ़ा है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आंकड़ों के अनुसार, सितंबर, 2023 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रही थी। हालांकि, इस साल अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘ सितंबर, 2024 के लिए आईआईपी वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रही है, जबकि अगस्त, 2024 में यह 0.1 प्रतिशत घटा था।’’ राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर, 2024 के लिए खनन, विनिर्माण तथा बिजली क्षेत्र के उत्पादन में क्रमशः 0.2 प्रतिशत, 3.9 प्रतिशत और 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान औद्योगिक उत्पादन की वृद्धिदर चार प्रतिशत रही है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में इसमें 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।