नई दिल्ली:एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के भारत में उपग्रह ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा देने की खबरों के बीच शोध संस्थान ‘कूटनीति फाउंडेशन’ ने अमेरिकी दिग्गज कंपनी के अमेरिकी खुफिया तथा सैन्य एजेंसियों के साथ गहरे संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा है कि यह राष्ट्रीय हितों में बाधक बन सकते हैं। स्टारलिंक को ‘‘भेड़ की खाल में छिपा भेड़िया ’’ करार देते हुए फाउंडेशन ने कहा कि स्टारलिंक दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकी है, जिसकी सबसे बड़ी ग्राहक तथा प्रचारक अमेरिकी सरकार की खुफिया तथा सैन्य एजेंसियां हैं।
पुराने मोबाइल फोन सेवा प्रदाता वॉयस तथा इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए दूरसंचार टावर का इस्तेमाल करते हैं, उपग्रह संचार या सैटकॉम में यह सेवा प्रदान करने के लिए उपग्रहों के समूह का इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि, उपग्रहों का नियंत्रण देश के बाहर होने को लेकर कई सवाल खड़े हैं। कुटनीति ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘स्टारलिंक उपग्रहों का समूह दुनियाभर में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं का एक नया रूप है, जो भौगोलिक सीमांकन तथा प्राकृतिक सीमाओं से परे है। दुनिया के हर नागरिक तक सीधी पहुंच है, जिसमें उपयोगकर्ता तथा अमेरिकी के बीच कामकाज के संचालन की कोई संरचना नहीं है।’’
मस्क की अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स एक अमेरिकी खुफिया एजेंसी के साथ एक वर्गीकृत अनुबंध के तहत सैकड़ों जासूसी उपग्रहों का एक नेटवर्क बना रही है। यूक्रेन युद्ध में स्टारलिंक उपग्रह संपर्क के इस्तेमाल को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन और कंपनी के बीच विवाद खड़ा हो गया था। अरबपति मस्क ने हाल ही में संपन्न अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन की पार्टी की कमला हैरिस के सामने डोनाल्ड ट्रंप का खुलकर समर्थन किया था।
मस्क ने पिछले साल कहा था कि उन्होंने रूसी बेड़े पर हमले में सहायता के लिए अपने स्टारलिंक उपग्रह नेटवर्क को सक्रिय करने के यूक्रेन के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। कूटनीति ने मस्क की कंपनियों तथा अमेरिकी एजेंसियों के बीच कुछ अनुबंधों की खबरों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ये अमेरिका के खुफिया-सैन्य-औद्योगिक परिसर के हिस्से के रूप में स्टारलिंक के ज्ञात अनुबंध हैं, बहुत सारे गोपनीय समझौते तथा अनुबंध हैं जिनका खुलासा नहीं किया गया है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘इसके अलावा यह सर्वविदित है कि स्टारलिंक के मालिक एलन मस्क विभिन्न निजी खुफिया कंपनियों के करीब हैं, और अमेरिकी राजनीति में काफी सक्रिय व्यक्तित्व हैं, जो पलान्टिर टेक्नोलॉजीज यूएसए तथा ट्रंप चुनाव 2024 तक सीमित नहीं है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्क नीत कंपनियां ब्राजील, यूक्रेन और ईरान जैसे देशों की संप्रभुता और लोकतंत्र का अनादर करती हैं। इसमें ये भी कहा गया है कि स्टारलिंक (बहुत स्पष्ट रूप से) भू-राजनीतिक नियंत्रण की एक प्रौद्योगिकी है, जिसे खुफिया तथा रक्षा बलों द्वारा अंतरिक्ष में प्रभुत्व और उसके जरिये भूमि पर नियंत्रण के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है।