कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली और त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन न केवल गंगा में स्नान करना पवित्र माना जाता है, बल्कि दीपदान का भी विशेष महत्व है। पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करने से मां का आशीर्वाद मिलता है साथ ही सुख-सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। आइए जानते हैं 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, मंत्र व उपाय-
सुबह से लेकर शाम तक कार्तिक पूर्णिमा पर इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
चर – सामान्य 06:44 एएम से 08:04 एएम
लाभ – उन्नति 08:04 एएम से 09:25 एएम
अमृत – सर्वोत्तम 09:25 एएम से 10:45 एएम वार वेला
शुभ – उत्तम 12:06 पीएम से 1:26 पीएम
चर – सामान्य 04:07 पीएम से 05:27 पीएम
लाभ – उन्नति 08:47 पीएम से 10:26 पीएम काल रात्रि
मंत्र- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः:।।
कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 15, 2024 को 06:19 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – नवम्बर 16, 2024 को 02:58 बजे
ब्रह्म मुहूर्त- 04:58 एएम से 05:51 एएम
प्रातः सन्ध्या- 05:24 एएम से 06:44 एएम
अभिजित मुहूर्त- 11:44 से 12:27 पीएम
विजय मुहूर्त- 1:53 पीएम से 02:36 पीएम
गोधूलि मुहूर्त- 05:27 पीएम से 05:54 पीएम
सायाह्न सन्ध्या- 05:27 पीएम से 06:47 पीएम
अमृत काल- 05:38 पीएम से 07:04 पीएम
निशिता मुहूर्त- 11:39 पीएम से 00:33 एएम, नवम्बर 16
कार्तिक पूर्णिमा पूजा-विधि
पवित्र नदी में स्नान करें या पानी में गंगाजल मिलकर स्नान करें
भगवान श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी का जलाभिषेक करें
माता का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
अब मां लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें
मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें
कार्तिक पूर्णिमा की व्रत कथा का पाठ करें
श्री लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें
पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें
माता को खीर का भोग लगाएं
चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें
अंत में क्षमा प्रार्थना करें
उपाय- माता लक्ष्मी को खुश करने के लिए आज पूर्णिमा के दिन श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। वैवाहिक दिक्कतें दूर करने के लिए लक्ष्मी नारायण की जोड़े में पूजा करें और माता को शृंगार का समान भी चढ़ाएं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।