डेस्क:दिल्ली के बाद अब हरियाणा में भी बढ़ते प्रदूषण ने गंभीर रूप ले लिया है। सरकार ने छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 5वीं कक्षा तक के स्कूलों को अगले आदेश तक बंद करने का निर्णय लिया है। सभी सरकारी और निजी स्कूल अब ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करेंगे। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
जिला उपायुक्त लेंगे अंतिम निर्णय
पत्र में कहा गया है कि उपायुक्त प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए स्थानीय स्थिति का आकलन करेंगे और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में छात्रों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेंगे। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने स्पष्ट किया कि जिलों के उपायुक्त स्कूलों को बंद करने और ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था करने के लिए स्वतंत्र हैं।
भिवानी सबसे प्रदूषित, कई शहरों की स्थिति चिंताजनक
हरियाणा के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है। भिवानी सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि बहादुरगढ़, सोनीपत, जींद, रोहतक, कैथल, करनाल और गुरुग्राम भी खतरनाक स्तर पर हैं। इन जिलों में हवा की गुणवत्ता इतनी खराब है कि सांस लेना मुश्किल हो गया है।
एनसीआर में प्रदूषण का कहर जारी
एनसीआर के जिलों, विशेषकर गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और नूंह में हालात और भी खराब हैं। ग्रैप-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू होने के बावजूद प्रदूषण के स्तर में सुधार नहीं हो रहा है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 14 जिलों में ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू की गई हैं, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।
बच्चों की सेहत पर खतरा
खतरनाक एक्यूआई स्तर को देखते हुए सरकार का यह कदम बच्चों की सेहत की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। लोगों को भी बाहर निकलने से बचने और प्रदूषण से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।