नई दिल्ली:नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में कई ऐसी योजनाएं लॉन्च की जिसके जरिए लाभार्थियों को रियायती ब्याज दर पर लोन की सुविधा मिलती है। इनमें से एक प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भी है। 17 सितंबर, 2023 को विश्वकर्मा जयंती के मौके पर लॉन्च की गई इस योजना में असंगठित क्षेत्र के कामगारों को फोकस में रखा गया है। इनमें लोहार, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, बढ़ई जैसे कारीगर शामिल हैं।
मिल रहा तगड़ा रिस्पॉन्स
अपनी शुरुआत के बाद से इस योजना के प्रति कारीगरों ने रुचि दिखायी है। इस योजना के तहत 25.8 मिलियन आवेदन जमा किए गए हैं। इनमें से, 2.37 मिलियन आवेदकों ने तीन-चरण की सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सफलतापूर्वक रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके अलावा, लगभग 1 मिलियन रजिस्ट्रेशन कारीगरों को ई-वाउचर के माध्यम से 15,000 रुपये तक के टूलकिट प्रोत्साहन से लाभ हुआ है, जिससे वे अपने शिल्प कौशल में वृद्धि करने वाले आधुनिक उपकरण प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं।
कितना तक मिलेगा लोन
योजना के लाभार्थियों को 5% की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किस्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक का गिरवी-मुक्त लोन है। भारत सरकार 8% की सीमा तक ब्याज अनुदान देती है।