डेस्क:महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही नेताओं की धुकधुकी बढ़ गई है। एग्जिट पोल्स के अनुमान में टाइट फाइट की बात कही गई है। इसके बाद से सभी दलों को लग रहा है कि यदि सरकार बनाने के लिए करीबी आंकड़े तक दोनों गठबंधन हुए तो फिर टूट-फूट हो सकती है। ऐसी स्थिति में महायुति से लेकर महाविकास अघाड़ी तक अलर्ट हैं। एक तरफ भाजपा ने अपने और सहयोगी दलों के सभी विधायकों को साधे रखने की कोशिश शुरू कर दी है तो वहीं महाविकास अघाड़ी के नेता भी अलर्ट हैं।
गुरुवार को संजय राउत, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट और एनसीपी-एसपी के जयंत पाटिल ने मीटिंग की। इस दौरान यह चर्चा हुई है कि यदि करीबी मुकाबला रहा तो फिर भाजपा और एकनाथ शिंदे दूसरे दलों में टूट की कोशिश कर सकते हैं। इससे बचने के लिए विधायकों को पहले ही बाहर भेज दिया जाए। मीटिंग में तय हुआ कि ज्यादातर विधायकों को कांग्रेस शासित राज्यों में भेजा जाए, जैसे कर्नाटक और तेलंगाना। इन विधायकों को शनिवार की शाम तक ही बाहर भेज दिया जाएगा। यानी नतीजों में विधायक घोषित होते ही नेता बाहर भेज दिए जाएंगे।
इन नेताओं को तभी बुलाया जाएगा, जब सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया जाए या फिर दूसरा गठबंधन ही सरकार बनाने की स्थिति में हो। इसके अलावा निर्दलीय और छोटे दलों से भी संपर्क साधा जा रहा है। ऐसा इसलिए ताकि करीबी मुकाबला हुआ तो पहले ही विधायकों का जुगाड़ करके दावा ठोका जा सके। कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा कि हमें भरोसा है कि सरकार हमारी ही बनेगी और एग्जिट पोल्स एक बार फिर से गलत साबित होंगे। उन्होंने कहा कि तैयारियां तेज हैं और नतीजों में यदि टाइट फाइट दिखी तो फिर शनिवार की शाम को विधायकों को भेज दिया जाएगा।
अभी स्पष्ट नहीं है कि इन विधायकों को कहां भेजा जाएगा, लेकिन पूरा अनुमान है कि इन्हें तेलंगाना या कर्नाटक में रखा जाएगा। ऐसा इसलिए ताकि वहां पुलिस प्रशासन की मदद भी मिल जाए और होटल आदि की भी व्यवस्था हो। हालांकि नतीजे आने तक वेट ऐंड वॉच मोड में रहा जाएगा। चर्चा है कि लड़की बहिन योजना से भाजपा की लीडरशिप वाले महायुति को फायदा होगा। यही नहीं अधिक वोट डाले जाने को भी भाजपा ने अपने फायदे से जोड़ा है। देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि ज्यादा वोट पड़ना हमेशा हमारे लिए फायदे में होता है।