डेस्क:केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को पूर्वोत्तर में पुलिस बलों में सुधार का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में उग्रवाद खत्म होने के बाद पुलिस को अपने काम करने के तरीके में बदलाव लाने की जरूरत हैं ताकि लोगों के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित हो सके।
उत्तर-पूर्वी परिषद के 72वें सत्र को संबोधित करते हुए गृहमंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पिछले 10 सालों में 20 शांति समझौते किए हैं। इन समझौतों के कारण क्षेत्र में काफी शांति आई है। यहां पर 9 हजार के करीब उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि यहां पर पुलिस पिछले चार दशकों से उग्रवाद से लड़ रही है। ऐसे में अब जबकि उग्रवाद खत्म हो चुका है तो सुरक्षाबलों को भी अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाने की जरूरत है।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि यह पुलिस की जिम्मेदारी है कि लोग न्याय के लिए उनके पास आएं। जनता के बीच में उनकी छवि बेहतर हो और लोगों का उनके ऊपर भरोसा हो। लोग जब उनके पास एफआईआर दर्ज करवाने के लिए आएं तो उन्हें न्याय दिलवाने की जिम्मेदारी भी पुलिस ही उठाए।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि क्षेत्र में अब कनेक्टिविटी की कोई समस्या नहीं है, क्योंकि केंद्र ने पूर्वोत्तर के राज्यों में रेल कनेक्टिविटी के लिए 81 हजार करोड़ और सड़क नेटवर्क के लिए 41 हजार करोड़ खर्च किए हैं। इसके अलावा जल्दी ही हम बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा समझौता भी पूरा कर लेंगे, जिसके बाद पूरी दुनिया पूर्वोत्तर के लिए खुल जाएगी। क्षेत्र मं निवेश पारिस्थितिकी तंत्र बेहतर तरीके से बदल जाएगा।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि विकास के अलावा हमें क्षेत्र में नशीले पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए भी और अधिक प्रयास करने होंगे। ग्रामीण परिवेश को और बेहतर बनाने के लिए दूध, अंडा, और मांस के उत्पादन को भी बढ़ावा देना होगा। हमें इस मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करना जरूरी है। क्षेत्र के कृषि विकास के लिए हमें जैविक खेती को बढ़ावा देना होगा।