स्पोर्ट्स डेस्क:भारत आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के अपने ग्रुप चरण के मैचों को दुबई में खेलेगा और रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम अगर नॉकआउट चरण में पहुंची तो इसका सेमीफाइनल और फाइनल भी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित किया जाएगा। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के एक विश्वसनीय सूत्र ने पुष्टि की कि शनिवार रात पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी और उनके यूएई समकक्ष शेख नाहयान अल मुबारक के बीच एक बैठक के बाद दुबई को तटस्थ स्थल के रूप में चुना गया था। शेख नाहयान मौजूदा समय में सिंध के घोटकी क्षेत्र में छुट्टियां मना रहे हैं। नकवी पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं। उन्होंने शेख नाहयान के साथ मुलाकात कर पाकिस्तान की मेजबानी में खेले जाने वाले टूर्नामेंट के प्रशासनिक मामलों को अंतिम रूप दिया।
चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी को लेकर बृहस्पतिवार को गतिरोध आखिरकार खत्म हो गया जब आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) ने घोषणा की कि भारत 50 ओवर के टूर्नामेंट के अपने मैच मेजबान देश पाकिस्तान के बजाए तटस्थ स्थान पर खेलेगा। पाकिस्तान के लिए भी 2027 तक यही व्यवस्था लागू होगी और वह भारत में होने वाले टूर्नामेंट तटस्थ स्थलों पर खेलेगा। उम्मीद है कि आईसीसी अब आयोजन के अंतिम कार्यक्रम की घोषणा करेगा, जिसमें पाकिस्तान में नौ से 10 मैचों का आयोजन हो सकता है। सूत्र ने कहा, अगर भारत फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाता है तो फाइनल मुकाबला लाहौर में होगा।
हाइब्रिड मॉडल की व्यवस्था चैंपियंस ट्रॉफी 2025 (पाकिस्तान), अगले साल भारत में होने वाले महिला क्रिकेट विश्व कप और 2026 में भारत और श्रीलंका में होने वाले टी20 विश्व कप में लागू होगी। भारत ने सुरक्षा चिंताओं के कारण फरवरी-मार्च में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने से इनकार कर दिया था। भारतीय खिलाड़ियों ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद से पाकिस्तान में कोई मैच नहीं खेला है, जिसमें 150 लोग मारे गए थे। दोनों देशों के बीच आखिरी द्विपक्षीय टूर्नामेंट 2012 में हुआ था।
पाकिस्तान की यात्रा के लिए भी भारत सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है जो अपने फैसले पर अडिग है। बीसीसीआई का रुख हमेशा ही स्पष्ट रहा है लेकिन पीसीबी के तटस्थ स्थानों की ‘एकतरफा’ व्यवस्था को अनुमति देने से इनकार करने के कारण मामला लंबा खिंच गया। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी के नेतृत्व में पीसीबी स्थानीय जनता के सामने अपनी प्रतिष्ठा नहीं खोना चाहता था। पीसीबी ने पिछले साल वनडे विश्व कप के लिए अपनी टीम भारत भेजी थी। उसने स्पष्ट तौर पर ‘हाइब्रिड मॉडल’ का विरोध किया था लेकिन अंततः पारस्परिक आधार पर इस पर सहमत हो गया।