नई दिल्ली:केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से बाबा साहेब आंबेडकर पर की गई टिप्पणी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस इसके खिलाफ 24 दिसंबर को देश भर में जिला कलेक्ट्रेट तक ‘बाबासाहेब आंबेडकर सम्मान मार्च’ का आयोजन करेगी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने रविवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग का हिस्सा है, जो राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान आंबेडकर पर की गई उनकी हालिया टिप्पणी के लिए किया जा रहा है। वेणुगोपाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर ज्ञापन जिलाधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि शाह की टिप्पणी से आंबेडकर की मानहानि हुई है और संवैधानिक मूल्यों को कायम रखने वालों को गहरी ठेस पहुंची है।
केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘इसके बावजूद न तो शाह, न ही प्रधानमंत्री और न ही भाजपा ने खेद व्यक्त किया है। इसके बजाय, उन्होंने आक्रामक तरीके से अपने रुख का बचाव किया और आंबेडकर की छवि को जॉर्ज सोरोस की छवि से बदल दिया, जिससे आंबेडकर का और अधिक अपमान हुआ।’ उन्होंने भाजपा पर असहमति जताने वाले विपक्षी नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज करने और संसद की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने कहा कि शाह की टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की मानसिकता को दर्शाती है, जिसने संविधान की अतीत में आलोचना करते हुए उसे ‘गैर भारतीय’ करार दिया था।
‘अगर कांग्रेस के किसी सांसद ने ऐसी टिप्पणी की होती तो…’
वेणुगोपाल ने सवाल किया, ‘अगर कांग्रेस के किसी सांसद ने ऐसी टिप्पणी की होती तो क्या वे तब भी अपने पद पर बने रहते?’ उन्होंने कॉरपोरेट समर्थित मीडिया पर इस मुद्दे को दबाने का आरोप लगाया और इसे सीधे लोगों तक ले जाने का संकल्प लिया। वेणुगोपाल ने 26 और 27 दिसंबर को कर्नाटक के बेलगावी में महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने की 100वीं वर्षगांठ मनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कार्यक्रमों में 26 दिसंबर को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक और 27 दिसंबर को भाजपा के संविधान विरोधी कार्यों को उजागर करने के लिए ‘जय भीम, जय संविधान’ रैली शामिल है।
कांग्रेस अपने विरोध कार्यक्रमों के तहत राज्य स्तरीय रैलियों और ग्राम सभाओं सहित एक महीने का अभियान भी शुरू करेगी। वेणुगोपाल ने शाह की टिप्पणी पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की चुप्पी की आलोचना करते हुए कहा कि वह भाजपा से लड़ने से डरते हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर आंबेडकर का अपमान किया गया है तो राजनीतिक रूप से प्रबुद्ध राज्य केरल के मुख्यमंत्री को सबसे पहले प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी।’ कांग्रेस नेता मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पोलित ब्यूरो के सदस्यों पर राहुल गांधी का समर्थन करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया, जो इस मुद्दे पर सक्रिय रूप से विरोध कर रहे हैं।