डेस्क:अमेरिका के कैलिफोर्निया में कुख्यात ड्रग माफिया सुनील यादव उर्फ गोली की हत्या कर दी गई है। इस सनसनीखेज वारदात की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर्स गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा ने ली है। सुनील यादव, जो पहले खुद लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ था, ड्रग्स तस्करी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का एक बड़ा चेहरा था।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग से रिश्ता और दुश्मनी
कभी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हिस्सा रहे सुनील यादव ने बाद में इस गैंग से दूरी बना ली थी। माना जा रहा है कि गैंग से अलग होने और स्वतंत्र रूप से ऑपरेट करने के कारण सुनील यादव और बिश्नोई गैंग के बीच दुश्मनी बढ़ी। इस दुश्मनी का अंजाम उसकी हत्या के रूप में सामने आया है।
ड्रग तस्करी में सुनील यादव की भूमिका
सुनील यादव पाकिस्तान से भारत ड्रग्स लाने का एक बड़ा सरगना था। उसने अपने नेटवर्क को दुबई और अमेरिका तक फैलाया था। बताया जाता है कि सुनील ड्रग्स तस्करी के जरिए करोड़ों रुपये की कमाई कर रहा था।
फर्जी पासपोर्ट से अमेरिका पहुंचा
दो साल पहले सुनील यादव ने भारत छोड़ दिया और एक फर्जी पासपोर्ट, जिसमें उसका नाम “राहुल” था, का इस्तेमाल कर अमेरिका चला गया। भारत में वांछित होने के बावजूद, वह वहां अपने ड्रग नेटवर्क का संचालन कर रहा था।
गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा का बयान
गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया के जरिए सुनील यादव की हत्या की जिम्मेदारी ली है। उनका कहना है कि यह हत्या गैंग के प्रति उसकी बेवफाई और आपसी रंजिश का नतीजा है।
अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क पर असर
सुनील यादव की हत्या ने भारतीय मूल के अपराधियों के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को उजागर कर दिया है। यह घटना ड्रग्स तस्करी से जुड़े गिरोहों के बीच चल रहे आपसी संघर्ष को भी सामने लाती है। इस मामले ने भारत, पाकिस्तान और अमेरिका के सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान आकर्षित किया है।
अब भारतीय और अमेरिकी एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं ताकि सुनील यादव के नेटवर्क और उससे जुड़े अन्य अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। यह घटना अंतरराष्ट्रीय अपराध जगत की जटिलताओं और बढ़ती चुनौतियों को दर्शाती है।