डेस्क:पीएम नरेंद्र मोदी ने आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की 100 वीं जयंती पर मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया। इसके साथ ही ओमकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट का लोकार्पण और 1153 नवीन अटल ग्राम सेवा सदन का भूमिपूजन भी किया। आइए जानते हैं कि नदियों को जोड़ने वाली इस योजना में क्या है और यूपी-एमपी के किन इलाकों को इसका फायदा होने वाला है।
क्या है केन-बेतवा लिंक परियोजना
केन-बेतवा लिंक परियोजना नदियों को आपस में जोड़ने वाली परियोजना है। इसका मकसद उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में सिचाई की सुविधा मुहैया कराना है। इसके साथ ही एमपी के भी कई इलाकों में सिचाई के लिए पानी मुहैया हो सकेगा। इस प्रोजेक्ट में मध्य प्रदेश की केन नदी का अतिरिक्त पानी बेतवा नदीं में पहुंचाया जाना है, ताकि संतुलन बना रहे और दोनों हिस्सों में पानी उपलब्ध कराया जा सके। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2021 में केबीएलपी परियोजना के लिए 44,605 करोड़ रुपये (2020-21 की कीमतों पर) मंजूर किए थे।
मध्य प्रदेश के इन इलाकों को होगा फायदा
यह परियोजना देश में भूमिगत दाबयुक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है। इसके पूरा होने पर मध्यप्रदेश के 10 जिलों छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से हरित ऊर्जा में 103 मेगावॉट योगदान के साथ रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। बेहतर जल प्रबंधन और औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त जल आपूर्ति से औद्योगिक विकास होगा और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।