नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में 17 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार सात श्रेणियों में उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रदान किया गया। इन विजेताओं में किसी ने कला और संस्कृति के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया, तो किसी ने अपनी बहादुरी से कई जिंदगियों को बचाया। इस वर्ष पुरस्कार के लिए 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 17 बच्चों का चयन किया गया था।
बाल विजेताओं के नाम और उनकी उपलब्धियां
इस बार सम्मानित होने वालों में 3 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी अनिश सरकार, सौरव कुमार, सिंधुरा राजा, ऋषिक कुमार, आयान सजाद व्यास, और ओम जिग्नेश जैसे प्रतिभाशाली बच्चे शामिल हैं। इन बच्चों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय प्रदर्शन किया है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार: एक परिचय
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की शुरुआत केंद्र सरकार ने 1996 में की थी। यह पुरस्कार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा उन बच्चों को दिया जाता है, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियां हासिल की हों। राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता बच्चों को हर वर्ष 26 जनवरी को राजपथ पर होने वाली परेड में भी शामिल किया जाता है।
पुरस्कार के लिए चयन प्रक्रिया
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक गाइडलाइन तैयार की है। इस गाइडलाइन के अनुसार ही बच्चों का चयन किया जाता है।
- पुरस्कार के लिए पात्र बच्चों को भारत का नागरिक होना चाहिए।
- वे देश में ही रहते हों।
- 2018 से बहादुरी के क्षेत्र में योगदान देने वाले बच्चों को भी इसमें शामिल किया गया है।
पुरस्कार की श्रेणियां
यह पुरस्कार बच्चों को 7 श्रेणियों में दिया जाता है:
- कला और संस्कृति
- बहादुरी
- इनोवेशन
- शैक्षणिक
- पर्यावरण
- सामाजिक सेवा
- खेल
पुरस्कार विजेताओं को क्या मिलता है?
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के तहत प्रत्येक विजेता को:
- एक मेडल
- एक प्रमाण पत्र
- एक लाख रुपये नकद पुरस्कार दिया जाता है।
इस सम्मान के जरिए देश के बच्चों को प्रेरित किया जाता है कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में अपना योगदान दें।