नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने फरवरी में फ्रांस का दौरा करेंगे। पीएम मोदी 10-11 फरवरी को पेरिस में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समिट में हिस्सा लेंगे। इस समिट का मुख्य उद्देश्य एआई के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच सहयोग को मजबूत करना है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस दौरे की पुष्टि की है।
दो बड़ी रक्षा डील पर सहमति की उम्मीद
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, इस यात्रा के दौरान भारत और फ्रांस के बीच दो प्रमुख रक्षा सौदों पर सहमति होने की संभावना है। इनमें भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल-एम फाइटर जेट्स और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का सौदा शामिल है। इन सौदों की कुल लागत 10 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है।
राफेल-एम और स्कॉर्पीन की जरूरत
भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी आईएनएस विक्रांत जैसे दो विमानवाहक पोत हैं। इन पोतों के लिए 26 राफेल-एम फाइटर जेट्स एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इनमें 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्रेनर जेट्स होंगे। साथ ही, तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण फ्रांस की नेवल ग्रुप और भारत की मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। इन पनडुब्बियों में से पहली 2031 तक नौसेना को डिलीवर की जाएगी।
एआई समिट पर रहेगा फोकस
पेरिस में आयोजित एआई समिट में पीएम मोदी भारत की एआई नीतियों और योगदान पर चर्चा करेंगे। इस समिट का उद्देश्य एआई के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों को बढ़ावा देना है।
स्कॉर्पीन पनडुब्बी ‘वागशीर’ का कमीशनिंग कार्यक्रम
इससे पहले, 15 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री मुंबई में स्कॉर्पीन श्रेणी की छठी पनडुब्बी ‘वागशीर’ को नौसेना में कमीशन करेंगे। इसके साथ ही दो अन्य सैन्य प्लेटफॉर्म भी कमीशन किए जाएंगे।
नौसेना प्रमुख का बयान
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने हाल ही में कहा था कि राफेल-एम और स्कॉर्पीन सौदे अंतिम चरण में हैं। इन सौदों पर अगले महीने तक हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। पीएम मोदी का यह दौरा भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगा।