डेस्क:हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद इंडिया गठबंधन के अंदर कांग्रेस को लेकर असंतोष देखने को मिला। इस असंतोष के पक्ष में समय-समय पर अन्य घटक दलों के बयान सामने आए। इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि इंडिया गठबंधन अब केवल नाम का है, क्योंकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं। अब शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वह इंडिया गठबंधन को एकजुट रखे क्योंकि वह गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी है।
गौरतलब है कि राउत का यह बयान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की उस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें उन्होंने इंडिया गठबंधन के नेतृत्व और एजेंडे को लेकर स्पष्टता की कमी पर निराशा व्यक्त की थी और कहा था कि अगर यह गठबंधन केवल 2024 के संसदीय चुनावों के लिए था, तो इसे खत्म कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “यदि गठबंधन सहयोगियों को लगता है कि इंडिया गठबंधन केवल लोकसभा चुनावों के लिए था और अब अस्तित्व में नहीं है, तो कांग्रेस को (इस स्थिति के लिए) जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। (घटक दलों के बीच) कोई संवाद नहीं हुआ है। हमने लोकसभा चुनाव (एक साथ) लड़ा और अच्छे नतीजे हासिल किए। भविष्य की योजनाएं तैयार करने के लिए (इंडिया की) एक बैठक होनी चाहिए और इस संबंध में पहल करना कांग्रेस की जिम्मेदारी है।”
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भाजपा विरोधी गठबंधन के साझेदारों के बीच संवाद की कमी से यह आभास हो रहा है कि 20 से अधिक दलों वाले इस गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, “(सहयोगी दलों के बीच) कोई संवाद, चर्चा नहीं हुई है। इसका मतलब है कि सभी के मन में यह भ्रम है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक है या नहीं।”
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, “अगर गठबंधन केवल लोकसभा चुनावों के लिए था, तो घोषित कर दें कि ‘इंडिया’ गठबंधन अब अस्तित्व में नहीं है। (उस स्थिति में), सभी सहयोगी अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं।” राउत ने कहा, “इंडिया गठबधंन का गठन लोकसभा चुनावों के लिए किया गया था। लेकिन कांग्रेस को सभी को एक साथ रखने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हमें पिछली गलतियों को सुधारने की जरूरत है। विपक्षी गठबंधन को भंग करना चरम कदम होगा।”