डेस्क:महाकुंभ 2025 को लेकर आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ के विवादित बयान पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
चंद्रशेखर का विवादित बयान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चंद्रशेखर ने कहा था कि महाकुंभ में वही लोग जाते हैं जिन्होंने पाप किए हैं। उनके इस बयान पर कई धार्मिक और राजनीतिक हस्तियों ने नाराजगी जताई।
शंकराचार्य का पलटवार
जगद्गुरु शंकराचार्य ने इस पर कहा, “क्या चंद्रशेखर कभी महाकुंभ आए हैं? यदि वे पूर्णतः निष्पाप हैं, तो ऐसे पुण्यात्मा का तो दर्शन करना चाहिए। उनसे अनुरोध है कि वे दर्शन दें।” उन्होंने आगे कहा कि महाकुंभ में लोग अपनी आस्था और पाप-निवारण के लिए आते हैं। शास्त्रों में महाकुंभ को आत्मा की शुद्धि और पाप के नाश का प्रतीक माना गया है।
चंद्रशेखर के बयान पर राजनीति गर्म
भाजपा की ओर से भी चंद्रशेखर के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया आई। यूपी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, “कुंभ मेले कोयल की मधुर आवाज की तरह है, लेकिन चंद्रशेखर का बयान कौए की कर्कश आवाज जैसा है।”
शंकराचार्य का व्यंग्य
जगद्गुरु शंकराचार्य ने चंद्रशेखर पर व्यंग्य करते हुए कहा, “यदि चंद्रशेखर निष्पाप हैं, तो हमें उनसे मिलने का सौभाग्य चाहिए। यह बहुत बड़ी बात है कि कोई व्यक्ति यह दावा करे कि वह पूरी तरह निष्पाप है। उनके इस दावे पर शोध होना चाहिए।”
महाकुंभ की महिमा
शंकराचार्य ने कहा, “हम यहां गंगा, यमुना और त्रिवेणी में आस्था के साथ अपनी भक्ति समर्पित करने आए हैं। यदि जाने-अनजाने कोई पाप हुआ है, तो उसका निवारण हो सके, यही हमारी श्रद्धा है।”
चंद्रशेखर के बयान ने महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन पर एक नई बहस को जन्म दिया है। धार्मिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं ने इस मुद्दे को और अधिक चर्चा का विषय बना दिया है।