डेस्क:लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यन ने हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह दी थी, जिसके बाद बवाल मच गया। उन्होंने कहा था कि कब तक अपनी बीवी को घर पर निहारते रहोगे, दफ्तर जाकर काम करना चाहिए। इस बयान के बाद कई कॉर्पोरेट लीडर्स की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। अब कोरोना वायरस महामारी के दौरान कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मालिक अदार पूनावाला ने भी तंज कसा है। उन्होंने आनंद महिंद्रा के बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें क्वांटिटी नहीं, बल्कि काम की क्वालिटी पसंद है। साथ ही, उन्हें अपनी पत्नी को भी देखना पसंद है।
एसआईआई के सीईओ और मालिक अदार पूनावाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”हां, आनंद महिंद्रा, यहां तक कि मेरी पत्नी नताशा पूनावाला भी मानती हैं कि मैं बहुत अच्छा हूं और मुझे उन्हें रविवार को भी देखते रहना पसंद है। काम की गुणवत्ता (क्वालिटी) हमेशा मात्रा (क्वांटिटी) से ज्यादा अहमियत रखती है।” अदार के पोस्ट पर कई लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक यूजर वीना जैन ने लिखा कि मुझे यह देखकर खुशी हुई कि कम से कम कुछ लोग शक्तिशाली पदों पर वर्क लाइफ बैलेंस के बारे में बात कर रहे हैं। उम्मीद है कि अधिक लोग इस पर ध्यान देंगे। एक अन्य यूजर ने भी कहा कि मैं आपकी बातों से सहमत हूं, वर्क लाइफ बैलेंस बहुत जरूरी है।
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने शनिवार को कहा था कि काम की गुणवत्ता पर ध्यान दें उसकी मात्रा पर नहीं, क्योंकि 10 घंटे में दुनिया बदल सकती है। इसी के साथ, महिंद्रा भी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के अध्यक्ष एस.एन. सुब्रह्मण्यन द्वारा सप्ताह में 90 घंटे काम करने की छेड़ी गई बहस में शामिल हो गए थे। महिंद्रा ने राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय युवा महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर वह इसलिए नहीं हैं कि वह अकेले हैं। उन्होंने कहा, ”मेरी पत्नी बेहद खूबसूरत है। मुझे उसे निहारना अच्छा लगता है।”
आप अपनी पत्नी को कब तक निहार सकते हैं?
लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यन की टिप्पणियों से सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने सवाल किया था, ”आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं।” सुब्रह्मण्यन ने सप्ताह में 90 घंटे काम करने की वकालत की और सुझाव दिया कि कर्मचारियों को रविवार को भी छुट्टी नहीं लेनी चाहिए। पिछले वर्ष, इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भी यह कहकर एक बहस छेड़ दी थी कि युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसपर भी लंबे समय तक बहस चली थी और लोगों ने खूब विरोध किया था।