डेस्क:डिफेंस सेक्टर में खुद को और मजबूत करने के इरादे से भारत आने वाले महीनों में कई बड़े समझौते करने जा रहा है। इस साल 31 मार्च को खत्म होने वाले फाइनेंशियल ईयर से पहले भारत ने 4 बड़े रक्षा समझौते को फाइनल करने का प्लैन बनाया है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय बेड़े में फाइटर जेट्स, पनडुब्बियों, हेलीकॉप्टरों और तोपों को शामिल करने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के समझौते किए जाएंगे। ये डील्स सशस्त्र बलों की फायर पावर और कॉम्बैट कैपेबिलिटीज को बढ़ाने के लिए एक दूरदर्शी योजना का हिस्सा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने रक्षा सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि भारत जल्द ही फ्रांस के साथ 26 राफेल-मरीन लड़ाकू जेट के सीधे अधिग्रहण के लिए लगभग 63,000 करोड़ रुपये का समझौता करने जा रहा है। इनकी तैनाती स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के डेक पर की जाएगी। वहीं इस समझौते में नेवी के लिए 22 सिंगल-सीट मैरीटाइम जेट और चार ट्विन-सीट ट्रेनर के साथ-साथ हथियार, सिमुलेटर, ट्रेनिंग और पांच साल के लिए लॉजिस्टिक्स सपोर्ट के साथ-साथ IAF के बेड़े में शामिल किए गए 36 राफेल के लिए पुर्जों की खरीददारी भी शामिल है। इस मसौदे पर पीएम के नेतृत्व वाली सुरक्षा पर कैबिनेट समिति से अंतिम मंजूरी का इंतजार है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी 11 और 12 फरवरी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिखर सम्मेलन के लिए फ्रांस का दौरा करने वाले हैं। इस दौरान फ्रांस के साथ 38,000 करोड़ रुपये का एक अन्य समझौता भी किया जाएगा। इसमें तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां शामिल होंगी, जिनमें लंबे समय तक पानी के नीचे टिकने के लिए एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) होगा। इसका निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक्स में किया जाएगा। इसकी पहली तैनाती 2031 की जाएगी।
इसके अलावा भारत 156 स्वदेशी प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों के लिए लगभग 53,000 करोड़ रुपये और 307 स्वदेशी उन्नत टो आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) के लिए 8,500 करोड़ का समझौता करने जा रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित नए प्रचंड हेलीकॉप्टर सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख जैसे क्षेत्रों में आक्रामकता से चुनौती पेश करेंगे। वहीं DRDO द्वारा डिजाइन और विकसित ATAGS की मारक क्षमता 48 किमी तक बताई जाती है। इसका उत्पादन भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम द्वारा किया जाएगा।