डेस्क:संसद में मंगलवार को प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए भाषण को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों ने इस भाषण को ‘चुनावी भाषण’ का नाम दिया है। विपक्ष ने आरोप लगाए हैं कि पीएम मोदी ने विपक्ष द्वारा उठाए गए किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान सदन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए विपक्षी पार्टियों पर निशाना भी साधा।
पीएम के संबोधन के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनके भाषण से ऐसा प्रतीत हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी जनता और उनकी जरूरतों से कट चुके हैं। वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘‘मुझे प्रधानमंत्री के भाषण से हैरानी हुई क्योंकि यह एक चुनावी भाषण था। कल दिल्ली में चुनाव है। उन्होंने सरकार के कामों की सूची बताई है। हम सभी जानते हैं कि विपक्ष ने कई आलोचनाएं की थीं, लेकिन प्रधानमंत्री ने इनका जवाब नहीं दिया।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को राजनीतिक टिप्पणी से बचना चाहिए था क्योंकि यह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा थी।
इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान महाकुंभ की भगदड़ में लोगों की मौत पर दुख भी नहीं जताया, जो अफसोस की बात है। उन्होंने कहा, ‘‘बहुत अफसोस की बात है कि कुंभ में इतनी बड़ी घटना घट गई। सरकार पहले मरने वालों के आंकड़े छिपा रही थी। आज शोक भी नहीं जताया गया।’’ अखिलेश यादव ने आगे कहा, ‘‘इस बात की चिंता है कि देश खिलौने बनाएगा, लेकिन इतने लोगों की जान गई फिर भी कोई दुख नहीं जताया गया।’’ वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने भी प्रधानमंत्री पर किसी सवाल का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया।