डेस्क:तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में तीन शिक्षकों ने गुरू-शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित कर दिया। एक सरकारी स्कूल में तीन शिक्षकों ने 13 साल की छात्रा का यौन उत्पीड़न किया है। तीनों आरोपियों को बुधवार को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार करने के बाद 15 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार यह अपराध 2 जनवरी को स्कूल के शौचालय के अंदर हुआ।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने कृष्णागिरी कलेक्टर सी दिनेश कुमार के हवाले से बताया, “कृष्णागिरी जिले के एक सरकारी मिडिल स्कूल में तीन शिक्षकों ने 13 वर्षीय छात्रा का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया। तीनों शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने निलंबित कर दिया है और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है। आरोपी शिक्षकों को 15 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।”
मामले से अवगत एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना कथित अपराध के एक महीने बाद 2 फरवरी को सामने आई, जब छात्रा के माता-पिता ने प्रधानाध्यापक के इस अपराध के बारे में सूचित किया। सूचना मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और चाइल्ड हेल्पलाइन ने शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। उन्होंने कहा, “पीड़िता के माता-पिता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर तीनों आरोपी शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है और उन्हें पोक्सो अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।”
आपको बता दें कि पिछले साल के अंत में तमिलनाडु में कोट्टूरपुरम पुलिस ने अन्ना विश्वविद्यालय मामले में एकमात्र आरोपी बिरयानी विक्रेता 37 वर्षीय ज्ञानसेकरन को गिरफ्तार किया था। उसने विश्वविद्यालय में जबरन घुसकर कथित तौर पर दूसरे वर्ष की छात्रा के साथ मारपीट की थी। पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में महिला ने कहा कि वह 23 दिसंबर को एक इमारत के पीछे अपने पुरुष मित्र के साथ घूम रही थी, तभी आरोपी ने उन्हें धमकाया। उसने पहले उसके पुरुष मित्र, तीसरे वर्ष के छात्र के साथ मारपीट की और फिर उसका यौन उत्पीड़न किया। उसने अगले दिन कोट्टूरपुरम के महिला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इस अपराध ने राज्य में बड़े पैमाने पर राजनीतिक हंगामा मचा दिया।