नई दिल्ली:दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को लीगल नोटिस भेजा है। एसीबी ने केजरीवाल से उन दावों के बारे में डिटेल जानकारी और सबूत मांगे गए हैं, जिनमें उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ‘आप’ के उम्मीदवारों को रिश्वत देकर खरीदने की कोशिश की थी।
यह लीगल नोटिस 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना से ठीक एक दिन पहले भेजा गया है। केजरीवाल के 5, फिरोजशाह रोड स्थित आवास पर दिए गए इस नोटिस ने ‘आप’ और भाजपा के बीच राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। ‘आप’ ने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया है। एसीबी के नोटिस में खास तौर पर केजरीवाल द्वारा ‘एक्स’ पर किए गए उस पोस्ट का जिक्र है, जिसमें उन्होंने भाजपा पर 16 ‘आप’ उम्मीदवारों को पाला बदलने के लिए रिश्वत देने का आरोप लगाया है।
5 सवालों के जवाब मांगे
1. एसीबी के नोटिस में केजरीवाल से यह पुष्टि करने के लिए कहा गया है कि क्या ‘एक्स’ पर यह पोस्ट उन्होंने ही किया या किसी और ने वो पोस्ट किया था?
2. क्या आप एक्स पर किए गए पोस्ट के कंटेंट से सहमत हैं कि आपकी पार्टी के 16 विधायक उम्मीदवारों को रिश्वत की पेशकश की गई है?
3. एसीबी ने नोटिस में ‘आप’ के विधायक पद के उन 16 उम्मीदवार जिन्हें कथित रिश्वत की पेशकश के बारे में फोन कॉल आदि प्राप्त हुए, उनकी डिटेल मांगी है।
4. कथित रिश्वत की पेशकश के बारे में उपरोक्त विधायकों से संपर्क करने वाले फोन नंबरों अथवा व्यक्तियों की डिटेल भी मांगी गई है।
5. विभिन्न मीडिया/सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर आपके और आपकी पार्टी के सदस्यों द्वारा लगाए गए रिश्वत की पेशकश के दावे/आरोपों के समर्थन में कोई अन्य विवरण/सबूत मांगे गए हैं।
इसके अलावा नोटिस में कहा गया है, “बताएं कि मीडिया/सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर ऐसी जानकारी फैलाने वाले लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए, जो दिल्ली के लोगों में “आतंक और अशांति” पैदा करने के समान है।”
बता दें कि, एलजी के आदेश पर इस मामले की जांच कर रही एसीबी की टीम आज केजरीवाल के घर उनसे पूछताछ करने के लिए पहुंची थी। हालांकि, ‘आप’ के भारी विरोध के चलते एसीबी के अफसरों को अंदर एंट्री नहीं मिली और उन्हें बैरंग ही खाली हाथ लौटना पड़ा। ‘आप’ ने एसीबी की इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की, जिससे वहां नाटकीय माहौल देखने को मिला। ‘आप’ इसे चुनाव परिणामों से पहले पार्टी को डराने का प्रयास बताया।
‘आप’ की लीगल सेल के हेड संजीव नासियार ने आरोप लगाया कि एसीबी के पास शुरू में कोई लीगल नोटिस नहीं था और वे अपने उद्देश्य के बारे में स्पष्टता के बिना केजरीवाल के घर के बाहर बैठे थे।
नासियार ने दावा किया, “शुरू में उनके पास कोई लीगल नोटिस नहीं था। डेढ़ घंटे बाद उन्होंने हमें नोटिस थमा दिया। यह ड्रामा एलजी ऑफिस द्वारा भाजपा के साथ मिलीभगत करके रचा गया है। अधिकारी दबाव में थे।”
‘आप’ के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इन आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि 16 से अधिक ‘आप’ उम्मीदवारों से अज्ञात व्यक्तियों ने संपर्क किया है और उन्हें पार्टी से अलग करने का प्रयास किया है। सिंह ने कहा, “हमने पहले ही ऐसे एक मामले का फोन नंबर जारी कर दिया है और अब शिकायत दर्ज करा रहे हैं। मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि वह कम से कम उनमें से एक के खिलाफ कार्रवाई करे।”
हालांकि, भाजपा ने ‘आप’ के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें निराधार और पार्टी की आंतरिक समस्याओं से ध्यान हटाने का प्रयास बताया।