डेस्क:दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों की मीटिंग बुलाई थी। यह मीटिंग दिल्ली के कपूरथला हाउस में हुई, जहां सारे विधायकों को लेकर खुद सीएम भगवंत मान पहुंचे। इस मीटिंग को लेकर कयास थे कि पार्टी टूटने का डर है। इसके चलते केजरीवाल अलर्ट मोड पर आ गए हैं और विधायकों को बुलाया गया है। इस बीच खुद भगवंत मान ने मीटिंग से निकलने के बाद मीडिया से बात की। उन्होंने पार्टी में टूट और खुद के छोड़कर जाने की चर्चाओं को भी खारिज किया। भगवंत मान ने कांग्रेस के दावे को लेकर कहा कि वे लोग अपने विधायकों की गिनती करें। एक बार देखें कि दिल्ली में उनके कितने विधायक हैं।
भगवंत मान ने कहा कि बाजवा तो पौने तीन साल से पंजाब में ऐसे ही दावे कर रहे हैं। उनकी आदत है और वे ऐसी बातें पहले भी करते रहे हैं। विधायकों के टूटने के दावे पर भगवंत मान ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता लालच में बिकने वाले नहीं हैं। खुद के ही आम आदमी पार्टी छोड़ने के दावे को लेकर भगवंत मान ने कहा कि उनको बोलने दीजिए। वहां ये कल्चर है कि कोई छोड़ जाता है और कोई लौट आता है। हमने तो यह पार्टी खून-पसीना एक करके खड़ी की है। हम धर्म, गुंडागर्दी और पैसे बांटने की राजनीति नहीं करते। भगवंत मान ने कहा कि आपको पता है कि दिल्ली में भाजपा की तरफ से कितना पैसा और गुंडागर्दी चली। हम हर तीन से 4 घंटे में चुनाव आयोग के पास जाना पड़ता था। अब रिजल्ट आ गया है, जिसे हमने स्वीकार किया है। पंजाब में तो हमने कई चुनाव लड़ लिए, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में आते ही हमने विधायकों की 6-6 पेंशन लेने की नीति खत्म की। अब सभी को एक पेंशन मिलती है। उन्होंने कहा कि यह मीटिंग हमारी नियमित प्रैक्टिस का हिस्सा थी। इसमें कुछ भी खास नहीं है। महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये देने पर उन्होंने कहा कि हम हर गारंटी पूरी करेंगे। जो वादे हमारे मेनिफेस्टो में नहीं थे, हम वे भी पूरे कर रहे हैं। बता दें कि दिल्ली में एक दशक तक शासन करने वाली आप को पांच फरवरी के दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लगा और वह 70 में से केवल 22 सीट ही जीत पाई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में आप का शासन खत्म हो गया, जिससे पार्टी के भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।