डेस्क:अगर थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप ईकॉम एक्सप्रेस के आईपीओ का इंतजार कर रहे हैं तो ये खबर निराश कर सकती है। दरअसल, इस कंपनी ने आईपीओ की योजना को रोक दिया है। इसके साथ ही कंपनी ने कम से कम 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की योजना बनाई है। बता दें कि पिछले साल दिसंबर महीने में सेबी ने ईकॉम एक्सप्रेस के आईपीओ को मंजूरी दी थी।
क्या है वजह?
मिंट की खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ईकॉम एक्सप्रेस लागत में कटौती करने का प्रयास कर रही है। एक सूत्र ने कहा- कंपनी के एचआर ने कर्मचारियों को बुलाकर इस्तीफा देने के लिए कहा है। सप्ताह के दौरान 500 से अधिक लोगों को नौकरी से निकाले जाने की आशंका है। यह कंपनी पहले ही 3,000 से अधिक पिन कोड, 1,000 डीसी (डिलीवरी सेंटर) बंद कर चुकी है। वहीं, 20 प्रमुख हब बंद होने की प्रक्रिया में हैं। कंपनी का दावा है कि देशभर में 27 हजार से अधिक पिन कोड तक पहुंच है। कंपनी के मुताबिक देश की लगभग 97 प्रतिशत आबादी को सर्विस प्रोवाइड की जाती है, जिसमें शहरी केंद्र और अधिक चुनौतीपूर्ण टियर 2 और उससे आगे के बाजार शामिल हैं।
आईपीओ का था प्लान
गुरुग्राम की कंपनी ईकॉम एक्सप्रेस का प्रस्तावित आईपीओ 1,284.50 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों के नए फ्रेश इश्यू का था। इसके अलावा प्रमोटर्स और अन्य शेयरधारकों द्वारा 1,315.50 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल है।
कौन-कौन बेच रहा हिस्सेदारी?
प्रस्ताव के मुताबिक आईपीओ में ईगलबे इन्वेस्टमेंट लिमिटेड 211.48 करोड़ रुपये के शेयर बेचने की योजना बना रहा था। वहीं, पीजी एस्मेराल्डा समूह 931.39 करोड़ रुपये के शेयर और ब्रिटिश इन्वेस्टमेंट पीएलसी 136.97 करोड़ रुपये के शेयर बेचने का इरादा रखता है।
इस आईपीओ के बुक-रनिंग लीड मैनेजर यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, आईआईएफएल सिक्योरिटीज लिमिटेड और एक्सिस कैपिटल लिमिटेड हैं। लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड इस पेशकश के लिए रजिस्ट्रार है।