डेस्क:भारत आज अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है और खुद को विश्व के सबसे बड़े लीडर्स में से एक बनाना चाहता है। इस यात्रा का एक बड़ा हिस्सा देश के कोर इंफ्रास्ट्रक्चर को ट्रांसफॉर्म करना और इसमें बदलाव लाना है। इस दिशा में सरकार ने एक विजन रखा है, जिसके साथ साल 2047 के ‘विकसित भारत’ के लिए मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर का एक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इस विजन के साथ विकास के अलग-अलग पहलू कवर होते हैं, जिनमें आर्थिक बढ़त, सामाजिक बदलाव, पर्यावरण संरक्षण और बेहतर गवर्नेंस शामिल है।
जम्मू और कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज बनाने और लद्दाख के कारगिल जिले में एशिया का सबसे लंबा टनल बनाने से लेकर हिमाचल प्रदेश में 10,000 फीट की ऊंचाई पर दुनिया का सबसे बड़ा हाईवे सिंगल-ट्यूब टनल बनाने तक, भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर ने बेहतरीन टेक्नोलॉजिकल अजूबों में अपनी पहचान और जगह बनाई है। ये सभी सॉल्यूशंस डिजाइन और कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इंजीनियरिंग इनोवेशंस दर्शाते हैं।
बीते वक्त की बात है जब भारत विकसित देशों की इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी प्रैक्टिस फॉलो करता था। अब हमारा देश प्रोजेक्ट डिजाइन के क्षेत्र में नए बेंचमार्क्स सेट कर रहा है। यही वजह है कि Build India Infra Awards का सेकेंड एडिशन फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को पहचानेगा और सेलिब्रेट करेगा।
विकास के नक्शे पर चल रहा है भारत
बड़े स्तर पर तैयार हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स ना सिर्फ भारत की इंजीनियरिंग प्रतिभा को दुनिया के सामने रख रहे हैं, बल्कि ये बेहतर ढंग से कनेक्टेड और समृद्ध राष्ट्र का प्रतीक हैं, जिनके साथ विकास की दिशा में बड़े कदम बढ़ाए जा सकेंगे। बेहतर कनेक्टिविटी और मूलभूत सुविधाओं तक आसान पहुंच के चलते शहरी और ग्रामीण भारत के बीच अंतर खत्म हो रहा है। इन प्रोजेक्ट्स ने सभी को प्रभावित किया है और इन बदलावों का सकारात्मक असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा।
सबसे बड़ी उपलब्धियों को मिलेगी पहचान
इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भारत की बढ़त को एक प्लेटफॉर्म की जरूरत है, जहां इन उपलब्धियों को दुनिया के सामने रखा जाए और सम्मान मिले। बिल्ड इंडिया इंफ्रा अवार्ड्स के फाउंडर और क्यूरेटर वैभव डांगे ने कहा है, “भारत अब एक फॉलोअर नहीं है बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर इनोवेशन और सतत विकास के क्षेत्र में आगे चल रहा है और दुनिया को रास्ता दिखा रहा है। अब भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स ग्लोबल स्टैंडर्ड्स सेट कर रहे हैं और उनकी दुनियाभर में तारीफ हो रही है।”
भविष्य के लिए प्रेरणा देंगे ऐसे प्रोजेक्ट्स
भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से जुड़ा सफर केवल सड़कें, पुल, एयरपोर्ट्स और मेट्रो सिस्टम्स बनाने तक की सीमित नहीं है बल्कि इससे कहीं ज्यादा है। भारत के विकास में योगदान और इसके बदलाव के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की भूमिका महत्वपूर्ण है और यह देश के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को पूरा करने में भी मददगार साबित होगा। इस सफर में बहुत कुछ पहली बार देखने को मिला है, जिसमें दुनिया की सबसे सबसे लंबी हाई-वे टनल- अटल टनल और सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज- चेनाब ब्रिज और स्टेचू ऑफ यूनिटी जैसे आइकॉनिक लैंडमार्क्स से लेकर जोजिला टनल जैसे बदलाव लाने वाले प्रोजेक्ट्स सब शामिल हैं।
बिल्ड इंडिया इंफ्रा अवार्ड्स 2025 के लिए नॉमिनेशंस में बढ़त देखने को मिली है और बड़े प्रोजेक्ट्स नए बेंचमार्क सेट कर रहे हैं। विजेताओं की घोषणा 24 फरवरी, 2025 को राष्ट्रीय राजधानी में की जाएगी। अपडेट्स के लिए हमसे जुड़े रहें।