पेरिस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि यह भारत में कारोबार करने का सही समय है, क्योंकि देश 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक मजबूत व्यापार-हितैषी माहौल और नीति स्थिरता प्रदान कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी पेरिस में 14वें भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “यह बैठक भारत और फ्रांस के बेहतरीन व्यापारिक दिमागों का संगम है।”
उन्होंने फोरम में मौजूद उद्योगपतियों की सराहना करते हुए कहा, “मैं देख रहा हूं कि आप सभी नवाचार, सहयोग और एकीकरण के मंत्र के साथ काम कर रहे हैं। आप केवल व्यापारिक संबंध नहीं बना रहे, बल्कि भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूत कर रहे हैं।”
इससे पहले, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी का फोरम में गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति मैक्रों के साथ इस शिखर सम्मेलन में शामिल होना मेरे लिए अत्यंत हर्ष का विषय है। यह पिछले दो वर्षों में हमारी छठी मुलाकात है। पिछले साल, राष्ट्रपति मैक्रों भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि थे। आज सुबह, हमने साथ में एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता भी की। मैं इस सफल समिट के लिए राष्ट्रपति मैक्रों को हार्दिक बधाई देता हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में भारत की एआई, अंतरिक्ष तकनीक और ‘मेक इन इंडिया’ पहल की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “हम 2047 तक 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। यह क्षेत्र अब निजी निवेश के लिए भी खुला है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आज भारत तेजी से दुनिया का पसंदीदा निवेश गंतव्य बन रहा है।
“आप सभी भारत में पिछले एक दशक में हुए परिवर्तनकारी सुधारों से परिचित हैं। हमने स्थिर और पूर्वानुमानित नीतियों का एक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया है। ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ की नीति के तहत भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है,” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा।
उन्होंने आगे कहा, “आज भारत की वैश्विक पहचान एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में बन रही है। हमने सेमीकंडक्टर और क्वांटम मिशन की शुरुआत की है और रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ को बढ़ावा दे रहे हैं।”
इस फोरम के जरिए भारत-फ्रांस के व्यापारिक संबंधों को और अधिक मजबूत करने पर जोर दिया गया।