डेस्क:
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के इकलौते सांसद और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी अपनी नातिन (बेटी की बेटी) की पहली कविता संग्रह छपने होने के बाद भावुक हैं। थोड़े समय के लिए बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे मांझी महादलित समुदाय से आते हैं, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने एक अलग राजनीतिक पहचान दी है। मांझी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक ट्वीट में गरीबी और तंगहाली में हुई अपनी परवरिश को याद करते हुए अपनी नातिन की अंग्रेजी कविताओं की किताब प्रकाशित होने पर होने वाले गर्व को साझा किया गया है।
जीतनराम मांझी ने ट्वीट किया है- “भले ही मैंने टूटी पेंसिल और फूटे स्लेट से पढ़ाई करके इस मुकाम पर जगह बनाई हो, पर आज मुझे इस बात का गर्व है कि मेरी नातिन सृष्टि महज सोलह वर्ष की उम्र में ना केवल अच्छी कवयित्री बन गई है बल्कि उसकी किताब दुनिया में बिक रही है। एक मुसहर परिवार से आने वाले हम जैसों के लिए यह सौभाग्य की बात है। बधाई हो बिटिया तुम खूब तरक्की करो।”
मांझी के परिवार में सात बच्चे हैं। दो बेटे और पांच बेटियां। सबसे बड़ी बेटी सुनैना देवी हैं जबकि दूसरे नंबर पर संतोष कुमार सुमन हैं जो अब हम पार्टी के अध्यक्ष और नीतीश सरकार में पार्टी के इकलौते मंत्री हैं। मांझी के बाकी बच्चों के नाम प्रभा देवी, पूनम देवी, प्रमिला देवी, पुष्पा देवी और प्रवीण कुमार सुमन हैं। मांझी की 16 साल की नातिन ऋृष्टि की किताब अंग्रेजी कविताओं का संग्रह है जिसका टाइटल Not so Delusional-A spray of unspoken words है।